बच्चे बैठे थे जल सत्याग्रह पर, बाल आयोग अध्यक्ष खुद जांच करने आ गए

शिवपुरी। पिछले 45 दिन से शिवपुरी शहर में सिंध के जल और योजना में भ्रष्टाचार को लेकर जल सत्याग्रह कर रही संस्था पब्लिक पार्लियामेंट के मंच पर आज नाबालिग बच्चों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह पता लगते ही बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेन्द्र शर्मा मौके पर जा पहुंचे। उन्होंने धरने पर बैठे बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि बच्चे किसी के दवाब में नहीं आए हैं बल्कि वो जलसंकट से काफी परेशान हैं। राघवेन्द्र शर्मा ने मौके पर बच्चों के समर्थन में बयान तो दिया परंतु बच्चों को पेयजल के लिए परेशान करने वाली नगरपालिका और जिला प्रशासन को नोटिस जारी करने की बात नहीं कही। 

श्री शर्मा ने मंच पर पहुंचकर एक एक बच्चे से विस्तार से बातचीत की और बच्चों ने बताया कि किस तरह उन्हें पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दिन तो दिन रात में भी जागना पड़ रहा है और स्थिति इस हद तक खराब है कि कूलर भी उन्हें बिना पानी के चलाना पड़ रहा है। बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा बच्चो से बातचीत करते हुए द्रवित हो उठे और उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवपुरी में पानी के लिए छोटे छोटे बच्चों को आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वह इस संबंध में शासन और प्रशासन को अवगत कराएंगे ताकि बच्चों को पानी के लिए परेशान न होना पड़ेे। 

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं और वह मूल रूप से शिवपुरी के ही निवासी हैं। संघ से जुड़े राघवेंद्र शर्मा भाजपा राजनीति में सक्रिय हैं। आज जब वह माधव चौक से गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा कि जल सत्याग्रहियों के मंच पर बड़ी संख्या में छोटे छोटे बच्चे भी बैठे हैं। यह देखकर वह मंच पर आ गए और उन्होंने बच्चों से पूछा वह यहां क्यों बैठे हैं तो एक एक बच्चे ने उन्हें अपनी व्यथा बताई और कहा कि किस तरह से उनके माता पिता पानी की एक एक बूंद जुटाने में लगे हुए हैं और इसके बाद भी उनकी आवश्यकता पूर्ण नहीं हो रहीं। 

8 वर्षीय मानस चौरसिया ने बताया कि दोपहर में जब चाचा घर पर आते हैं तो वह चिंताहरण से पानी भरकर लाते हैं। उनकी दादी भी भीषण गर्मी में ऐसा ही करने पर विवश हैं। कूलर भी उन्हें बिना पानी के चलाना पड़ रहा है। छोटे छोटे बच्चों ने यह सवाल किया कि आपके रहते हुए हमें यह परेशानी उठानी पड़ रही है तो श्री शर्मा निरूत्तर हो गए। बच्चियों ने भी उनसे कहा कि नलों में पान आता नहीं है और घर पर नगरपालिका से टैंकर भी नहीं आता। ऐसे में पानी के लिए उन्हें एक एक किमी तक चक्कर लगाना पड़ रहा है। श्री राघवेंद्र शर्मा ने बच्चों से बतियाने के बाद अंत में उन्हें अपनी ओर से आइसक्रीम भी खिलाई। 

श्री शर्मा ने जल क्रांति आंदोलन का किया समर्थन

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या पब्लिक पार्लियामेंट द्वारा आयोजित जल सत्याग्रह का वह समर्थन करते हैं तो उन्होंने कहा कि शहर की समस्याओं के लिए जो भी प्रयास करेगा वह उस प्रयास के साथ हैं। उनसे जब पूछा गया कि 45 दिन से आंदोलन चल रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन का इस विषय में कोई संवेदनशील रवैया नहीं है तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वे ही दे सकते हैं। चूंकि वह बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष हैं और छोटे छोटे बच्चों के सत्याग्रह पर बैठने पर वह यहां आए हैं।