
रजनी का इसी साल मार्च महीने में धूमधाम से इंदौर निवासी विशाल व्यास के साथ किया था, लेकिन शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर ससुरालीजन रजनी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे थे। इसके कारण वह पिछले डेढ़ महीने से शिवपुरी में ही अपने मायके में रह रही थी।
बीते रोज ही दामाद अपने दो दोस्तों सनी गुप्ता और सूरज ठाकुर के साथ शिवपुरी आया और राजीनामा कर पत्नी को साथ रखने का भरोसा देकर ले जाने की बात कही, लेकिन पिता महेश बेटी को अकेले भेजने के लिए तैयार नहीं हुए और खुद भी उनके साथ चले गए, जहां रास्ते में सोनकच्छ के निकट दामाद ने अपने मामा के खेत के पास दोनों की हत्या कर दी।
पहले पीटा, फिर तेजाब डाला और भागे तो पटक दिया पत्थर
फिलहाल पुलिस विवेचना कर रही है, लेकिन जो जानकारी पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर दी है, उसके अनुसार आरोपित दामाद और उसके दोस्तों ने सोनकच्छ के निकट गाड़ी रोकी और महेश व रजनी के साथ मारपीट की। इसके बाद तेजाब उड़ेल दिया।
जब ये लोग खेत की ओर भागने लगे तो पीछा कर महेश के ऊपर पत्थर पटककर उसकी हत्या कर दी, जबकि रजनी का गला रेतकर उसे मरा हुआ समझकर भाग गए। सुबह शौच के लिए गए कुछ लोगों की नजर रजनी पर पड़ी तो उसकी सांसें चल रहीं थीं। इसके बाद उसे इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रजनी की भी मौत हो गई।
घटनास्थल पर पुलिस ने मोबाइल, मंगलसूत्र, जली हुई साड़ी, टूटी हुई चूडिय़ां बरामद कीं, जबकि तेजाब की बोतल सहित एक आरोपित का मोबाइल भी मौके पर मिला।
दो लाख और सामान के बावजूद मांग रहे थे 5 लाख
मृतक महेश के बेटे कपिल उपाध्याय की मानें तो रजनी की शादी में परिवार ने अपनी हैसियत से ज्यादा दान दहेज दिया। करीब दो लाख रुपए नकद, गहने व ग्रहस्थी का पूरा सामान दिया था, लेकिन शादी के दिन ही दामाद के बड़े भाई ने दहेज को लेकर पिता महेश से अभद्रता की। इसके बाद ससुरालीजन लगातार रजनी को प्रताडि़त करने लगे। वे लोग 5 लाख रुपए नकद लाने को लेकर रजनी पर दबाव बना रहे थे। इसके बाद करीब डेढ़ महीने पहले दामाद विशाल रजनी को शिवपुरी छोडक़र चला गया।
पहले ही भांप गए थे स्थिति इसलिए साथ गए हुए थे
बीते रोज जब मध्यप्रदेश शासन लिखी कार लेकर दामाद शिवपुरी आया तो उसने महेश को भरोसा दिलाया कि अब रजनी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। उसने इंदौर में अलग मकान भी ले लिया है, जहां वे दोनों रहेंगे। दामाद की इन बातों पर महेश ने भरोसा तो कर लिया, लेकिन उनका मन अकेला रजनी को भेजने के लिए नहीं माना और उन्होंने भी साथ जाने की इच्छा जाहिर कर दी। इसके बाद रजनी और महेश इन लोगों के साथ रवाना हो गए।
परिजनों को दी एक्सीडेंट की सूचना
शिवपुरी से रवाना होने के बाद आखिरी बार पिता महेश से बेटे सिंपल की बात रात करीब 12 बजे हुई थी, जब वे लोग गुना में चाय पी रहे थे। इसके बाद मंगलवार की सुबह विशाल के दोस्त ने एक्सीडेंट होने की खबर सिंपल को दी और कहा कि महेश और रजनी अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले में घटना को पूर्व से ही अंजाम देने की रणनीति इसलिए भी नजर आ रही है कि आरोपित सीधे इंदौर जाने की बजाय सोनकच्छ के रास्ते पर अपने मामा के खेत पर ले गए।
मुक्तिधाम से सीधे एसपी को ज्ञापन देने पहुंचे परिजन
बुधवार की दोपहर महेश का अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम पर किया गया। घटना को लेकर परिजनों के अलावा लोगों का आक्रोश भी चरम पर है। मुक्तिधाम से अंतिम संस्कार में शामिल लोग सीधे एसपी सुनील पांडे के पास पहुंचे और आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।
एसपी ने भी इस मामले में तत्काल इंदौर पुलिस से बात की। घटना के बाद से ही आरोपित दामाद और उसके दोस्त फरार हैं। रजनी के ससुरालीजन भी इंदौर स्थित मकान पर ताला लगाकर फरार हो गए हैं। पुलिस इन सभी की तलाश में जुटी हुई है।