चोरों का पसंद बनी कोतवाली, 48 घंटे में दो बाईक और एक ट्रेक्टर चोरी

शिवपुरी। जिले में बाइक चोरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से बाइक चोरी हो रही है और पुलिस इन चोरों का पता लगाने में अभी तक नाकाम ही रही है। चोर बेफ्रिकी से बाइक चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस सिर्फ केस दर्ज करने तक ही सीमित है और शहर में चोरी हो रही बाइकों का पुलिस पता नहीं लगा पा रही है। वहीं कोतवाली थाना क्षेत्र में बीते दो दिनों में चोरों ने दो बाइक और एक ट्रेक्टर चोरी की घटना को अंजाम दिया। मामले में पुलिस ने बाइक चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

सब्जी खरीदने गए थे और चोरी हो गई बाइक
कोतवाली थाना क्षेत्र के तहत कोर्ट रोड पर स्थित सब्जी मंडी से चोरों ने 25 जून को बाइक चोरी की घटना को अंजाम दिया। बाइक मालिक संजय पुत्र रामगोपाल राठौर निवासी करौंदी कॉलोनी रामजानकी मंदिर के पास शिवपुरी ने पुलिस को बताया कि वह सब्जी खरीदने के लिए मंडी गया हुआ था और उसने बाइक को मंडी के बाहर पार्किंग में खड़ा कर दिया। जब वह सब्जी खरीदकर वापस आया तो देखा कि गायब है जहां उसने आसपास बाइक को खोजा लेकिन वह नहीं मिली जिसके बाद वह थाने गया और मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई।  

फार्म हाउस से रात के समय चुरा ले गए बाइक
कोतवाली थाना क्षेत्र के तहत आने वाले रावत फार्म हाउस ग्राम सिंहनिवास से चोर बाइक चुराकर ले गए। स्वामीलाल पुत्र रामलाल रावत निवासी ग्राम कुसियारा थाना सिरसौद ने बताया कि वह 26 जून को फार्म हाउस गए हुए थे जहां उन्होंने बाइक को फार्म हाउस पर ही रख दिया। जब वह सुबह उठे और जाने के लिए बाइक को उठाया तो पता चला कि वह गायब है। जिस पर आसपास पूछताछ की लेकिन कहीं कुछ पता नहीं नहीं चल सका। इसके बाद वह कोतवाली आए और मामले में चोरी की घटना दर्ज करवाई। 

ऑफिस के पास रखा ट्रेक्टर चुरा ले गए चोर
तीसरी वाहन चोरी की घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के भदौरिया बस सर्विस ऑफिस पोहरी रोड पर घटित हुई जहां चोरों ने ऑफिस के सामने रखा ट्रेक्टर चुरा लिया। सुबह ट्रेक्टर चोरी होने की सूचना ट्रेक्टर मालिक को लगी। जिस पर ट्रेक्अर मालिक सतेंद्रसिंह पुत्र यदुनाथसिंह भदौरिया निवासी तारकेश्वरी कॉलोनी कोतवाली पहुंचे और मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज करवाई।

दूसरे राज्यों में ले जाई जा रही चोरी की बाइक
सूत्रों की मानें तो चोरी की गई बाइक यूपी तथा राजस्थान में दूसरे गिरोह के सुपुर्द कर दी जाती है। लोग अपनी गाढ़ी कमाई से जिस बाइक को 60 से 80 हजार रुपए तक में खरीदते हैं उसी बाइक को चोर 15 से 25 हजार में विक्रय कर देते हैं। उनकी नजर में खुद की प्रतिदिन की आय 15 से 25 हजार है। 

बाइक चोरी होने पर क्या करें
सबसे पहले जुटाएं डाक्युमेंट आपको सबसे पहले गाड़ी की आरसी बुक, इन्श्योरेंस की कॉपी और ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी कलेक्ट करनी चाहिए। आगे की जो भी प्रॉसेेस होगी। इसमें इन डाक्युमेंट की जरूरत होगी।

पुलिस में कराएं कंप्लेंट : 
आप सबसे पहले घटना का ब्यौरा लिख कर एक एप्लीकेशन तैयार करें। इस एप्लीकेशन की पुलिस स्टेशन में जमा करा दें। कंप्लेन के साथ गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और इन्श्योरेंस पॉलिसी की कॉपी भी जमा कराएं। आपकी कंप्लेन फाइल होने के बाद पुलिस मामला दर्ज कर फस्र्ट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (एफआईआर) जारी करेगी।

इन्श्योरेंस कंपनी को करें इन्फॉर्म
एफआईआर कराने के बाद आपको इन्श्योरेंस कंपनी को गाड़ी के चोरी हो जाने की जानकारी देनी चाहिए। इसके बाद को सही तरीके से भरा हुआ क्लेम फॉर्म, आरसी बुक की कॉपी, इन्श्योरेंस पॉलिसी की कॉपी और एफआईआर की कॉपी इन्श्योरेंस कंपनी के पास जमा करानी चाहिए। क्लेम करने में देरी न करें और सभी डाक्

यूमेंट एक बार में ही जमा कराएं
रोड ट्रांसपोर्ट ऑफीसर (आरटीओ) को करें इन्फॉर्म : इन्श्योरेंस कंपनी के पास क्लेम फाइल करने के बाद आपको अपने एरिया के आरटीओ ऑफिस में गाड़ी चोरी होने के बारे में कंप्लेन लेटर जमा कराना चाहिए। कंप्लेन लेटर के साथ आपको ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, आरसी बुक की कॉपी, अपने व्हीकल की फोटो, इन्श्योरेंस पॉलिसी की कॉपी और एफआईआर की कॉपी भी जमा करानी चाहिए। आम तौर पर इन्श्योरेंस कंपनी इस प्रॉसेस में आपकी मदद करती है। अगर इन्श्योरेंस कंपनी मदद न करे तो आपको खुद से यह काम करना चाहिए। कंप्लेन करने के बाद रिसीविंग लेना न भूलें।

करें फॉलोअप
आपको जब भी समय मिले आप पुलिस स्टेशन से अपनी गाड़ी के बारे में जानकारी लें। अगर पुलिस गाड़ी चोरी होने की डेट से 90 दिन के अंदर गाड़ी नहीं खोज पाती है तो वह नो ट्रेस रिपोर्ट जारी करेगी। आप नो ट्रेस रिपोर्ट इन्श्योरेंस कंपनी के पास जमा करा दें। 

इन्श्योरेंस कंपनी देगी क्लेम
इस बीच इन्श्योरेंस कंपनी घटना की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सर्वेयर की नियुक्ति करेगी। ऐसे में जब भी सर्वेयर की ओर से आपको बुलाया जाए तो आप जाकर घटना का ब्यौरा दें। सर्वेयर से रिपोर्ट मिलने के बाद इन्श्योरेंस कंपनी कार या बाइक की श्योर्ड वैल्यू का पेमेंट करेगी। यानी की उस समय कार या बाइक की जो वैल्यू रही होगी इन्श्योरेंस कंपनी उसी के आधार पर पेमेंट करेगी।