बड़ी खबर: दोशियान ने रोका सिंध का पानी, टेंकरों की हड़ताल, शहर में त्राहि-त्राहि

शिवपुरी। शहर में अचानक जलसंकट तेजी से गहरा गया है। एक तो भुगतान न होने के कारण दोशियान ने सिंध पेयजल की सप्लाई रोक दी है। वहीं प्रायवेट टेंकर संचालकों ने पुलिस और प्रशासन पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए जल सप्लाई रोक दी है। जिससे कई इलाकों में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसी स्थिति में सर्वाधिक परेशानी गरीब और निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को हो रही है। कमलागंज, पुरानी शिवपुरी, मनियर और लुधावली में पानी की एक-एक बूंद के लिए कल पूरी रात रतजगा हुआ। हवाई पट्टी स्थित हाईडेंट पर पानी की कट्टियों की लम्बी कतार रातभर लगी रही। रातभर प्रभावित बस्ती के लोग साइकिल, मोटरसाइकिल, ऑटो तथा ठेलों से पेयजल का परिवहन करते देखे गए। पेयजल संकट से शहर में हालात गंभीर हो गए हैं। एक-दो दिन में यदि समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो स्थिति बेहद भयावह होने की आशंका है। 

सिंध जलावर्धन योजना की क्रियान्वयन एजेन्सी दोशियान को भुगतान न होने के कारण शहर में पेयजल संकट की स्थिति कभी भी निर्मित होने के आसार पहले से ही बन रहे थे। दोशियान तीन दिन से नगर पालिका को अल्टीमेटम दे रही है कि यदि उसके ढाई करोड़ के भुगतान तत्काल नहीं किए गए तो वह सिंध पेयजल की सप्लाई रोक देगी। दो-तीन दिन से मान मनोबल के बाद दोशियान पेयजल की सप्लाई जारी रखे हुए थी। 

सीएमओ संभाल नहीं पा रहे हालात 

अंतिम बार मुख्य नगर पालिका अधिकारी गोविन्द भार्गव ने दोशियान को आश्वासन दिया था कि 31 मई को उनका पैमेंट हो जाएगा, लेकिन बताया जाता है कि कल भी दोशियान को भुगतान नहीं किया गया। कारण यह बताया गया कि फाइल पर सब इंजीनियर मिश्रा हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। दोशियान के प्रबंधक महेश मिश्रा का कहना है कि भुगतान आज भी नहीं हुआ और सीएमओ भार्गव सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। 3 बजे बैंक बंद हो जाएंगे, कल और परसो का अवकाश है और फिर बात सोमवार तक चली जाएगी। 

उन्होंने सीधे-सीधे तो नहीं कहा, लेकिन यह अवश्य कहा कि भुगतान न होने पर लेबर फिल्टर प्लांट पर नहीं जाएगी। इसका सीधा सा अर्थ है कि सिंध के जल की सप्लाई नहीं होगी। वैसे भी कल से लाइन फटने के कारण पेयजल सप्लाई रूकी हुई है। दूसरी गंभीर समस्या यह है कि प्रायवेट टेंकर वालों ने सप्लाई रोक दी है। उनका आरोप है कि प्रशासन और पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्हें यह भी शिकायत है कि बिना उनसे पूछे प्रशासन ने टेंकरों की दर 300 रूपये निर्धारित कर दी।

टेंकर संचालक हड़ताल पर

यह भी निर्णय लिया गया कि प्रायवेट टेंकर 50 और 70 रूपये की हाईडेंट से रसीद कटाकर टेंकर भर सकते हैं, लेकिन उनका तर्क है कि सिंध पेयजल की सप्लाई महीने में पूरे 30 दिन जारी कहां रहती है। महीने में 10 दिन सप्लाई होती है और शेष 20 दिन पिपरसमां, रातौर आदि दूरस्थ क्षेत्रों के ट्यूबवैल से मनमानी दर देकर टेंकर भरकर लाना होता है। ऐसे में वह 300 रूपये में टेंकर कैसे दे पाएंगे, लेकिन प्रशासन के आदेश की आड़ में पुलिस और कुछ दबंग लोग उन्हें परेशान करने पर आमादा हैं इस कारण टेंकर संचालकों ने आज से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया और शहर में पेयजल की सप्लाई रोक दी है इससे वे लोग भी परेशानी महसूस कर रहे हैं जो पैसे देकर अपनी पेयजल की आवश्यकता की पूर्ति कर रहे हैं। 

टेंकर संचालक भानुप्रताप रघुवंशी का आरोप है कि प्रशासन के आदेश को कुछ तथाकथित लोगों और स्वयं पुलिस विभाग ने अपनी ढाल बना लिया है। कल दोपहर से ही डायल 100 पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने निजी बोरों की लेजमें काट दी हैं वहीं एक पुलिसकर्मी ने शाम के समय माधवचौक चौराहे से खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री त्यागी के टेंकर को पकडक़र उसके चालक बलवीर के साथ अभद्रता कर जबरन उसे 300 रूपये में टेंकर डालने के लिए विवश किया गया।  

इसके लेकर यह हड़ताल प्रारंभ की गई है और सभी निजी टेंंकर संचालकों ने अपने-अपने टेंकर सीएमएचओ कार्यालय के पास फतेहपुर पर पानी की टंकी के सामने खाली पड़े मैदान में खड़े कर दिए हैं। श्री रघुवंशी का कहना है कि जब तक प्रशासन टेंकर संचालकों की समस्याओं का हल नहीं करता तब तक वह शहर में पानी की सप्लाई नहीं करेंगे। हड़ताली टेंकर संचालकों में प्रियाशरण शर्मा लल्लू, यशवंत कुशवाह, बाईसराम धाकड़, अरविन्द जाट, कालीचरण, महेन्द्र रावत, नरेश रावत, उदयसिंह धाकड़, मुकेश भदौरिया, कमल रावत, सुमरन कुशवाह, सीताराम धाकड़, पप्पे रावत, सुनील वर्मा, बंटी बेडिय़ा, सुनील धाकड़, मनोज धाकड़, लक्ष्मणदास त्यागी, अरविन्द ओझा, गंगाराम धाकड़, रामेश्वर सहित अनेकों टेंकर संचालक मौजूद थे।

टेंकर हम 300 में भी डालेंगे, लेकिन प्रशासन हमारी सुने भी तो 

प्रायवेट टेंकर संचालक भानुप्रताप सिंह रघुवंशी का कहना है कि प्रशासन ने 250 से 300 रूपये टेंकरों की दर निर्धारित की है और प्रशासन का यह आदेश स्वागत योग्य है, लेकिन प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए कि एक टेंकर भरकर ग्राहक तक पहुंचाने में 400 रूपये का खर्चा आता है ऐसी स्थिति में 250 और 300 रूपये में वह टेंकर कैसे डाल सकेंगे। अगर प्रशासन को अपने आदेश पर अमल कराना है तो टेंकर डालने का दायरा भी दर के साथ-साथ निर्धारित करना होगा। 

वर्तमान में एक टेंकर भरने के लिए 4 घंटे का समय लगता है जहां 150 से 200 रूपये टेंकर भराई का खर्चा है और 150 रूपये तक डीजल ट्रेक्टर में जल जाता है साथ ही 50 रूपये  प्रति चक्कर टेंकर चालक देना होते हैं। इस तरह एक चक्कर 350 रूपये 400 रूपये का पड़ता है। अगर वह उक्त टेंकर को 300 रूपये में बेचेंगे तो फिर उन्हें अपना धंधा बंद करना पड़ेगा। इसलिए प्रशासन इस ओर भी ध्यान दे कि नगर पालिका 50 रूपये की रसीद काटकर टेंकर भराए और टेंकर को 2 से ढाई किमी के बीच सप्लाई करने का दायरा निर्धारित करे तब कहीं जाकर यह व्यवस्था बन पाएगी।