आंच तक न आने दूंगा मां भारती की शान पर: कवि प्रचंड

शिवपुरी। सदैव की भांति वीर सावरकर पार्क शिवपुरी में आगमन संस्था के बैनर तले रविवार सायं 6:00 बजे साप्ताहिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन राम लखन राठौर व संचालन विकास शुक्ल प्रचंड के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राकेश मिश्र ने की एवं विवेक रघुवंशी एवं मित्र मंडल ने श्रोताओं की भूमिका अदा की। गोष्ठी के आरंभ में रामलखन राठौर सुनाते हैं कि- मत रोको मम्मी आज सीमा पर लडऩे जाऊँगा, मैं भारत का वीर पुत्र हूँ दुश्मन को पाठ पढ़ाऊँगा!

आगे कवि राकेश जी ने रिश्वत के संदर्भ में कविता सुनाई व युवाओं को प्रेरित करने वाले मुक्तक पढ़े - राष्ट्र लेता है हिलोरें राजनीति के झंझावत में। दिव्या भगवानी ने पुराने इंसान की बात करते हुए कहा कि- इंसान इंसान के काम आता है ये बात पुरानी हो गई, किसी के पास किसी के लिए वक्त नहीं यही जिंदगानी हो गई। 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए अंत में विकास शुक्ल ने गजल- कैसे करें बोलो भरोषा आज के इंसान पर, यह लगा देता यहाँ इल्जाम तो भगवान पर। सुनाते हुए कहा कि- मैं तिरंगे की शपथ लेकर कहूँ ए जालिमो , आँच तक आने न दुँगा भारती की शान पर। इन ओजस्व पूर्ण कविकाताओं के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।