सत्ता के मद में भाजपा सरकार संवैधानिक पद की गरिमा को ही भूल गई: अध्यक्ष जिला पंचायत

शिवपुरी। सत्ता के मद में चूर भाजपा सरकार की मनमानी है कि वह संवैधानिक पद पर बैठे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे है, मप्र के मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत आयोजित खण्ड स्तरीय सम्मेलन में विपक्षी दल के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी की जा रही है जिसमें राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला यादव को इन कार्यक्रमों में आमंत्रित कर मुख्य अतिथि का दर्जा ना देना संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात के समान है यह कांग्रेस पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगी और इस मामले को लेकर मप्र के राज्यपाल को शिकायत दर्ज कराई जाएगी। 

यदि यही हाल रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब मप्र शासन के द्वारा आयोजित इस तरह की योजनाओं के शिविरों का ना केवल बहिष्कार किया जाएगा बल्कि इस तरह के आयेाजन करने पर भी पाबंदी लगाए जाने की मांग की जाएगी। उक्त बात एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही कांग्रेस कमेटी शिवपुरी के जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने जिन्होंने 13 जून को जिला शिवपुरी के सभी विकासखण्डों में आयोजित मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत आयोजित होने वाले खण्ड स्तरीय स्म्मेलन में जिला पंचायत अध्यक्षा को मुख्य अतिथि के रूप में नामांकित ना करने पर नाराजगी व्यक्त की और इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया। 

प्रेस विज्ञप्ति में कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष बदरवास जनपद क्षेत्र की निवासी है और उन्हीं के क्षेत्र में मप्र शासन द्वारा शासकीय कार्यक्रम हो रहा है लेकिन यहां मुख्य अतिथि के रूप में शासन के नुमाईंदों ने नियमों की अनदेखी कर मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजू बाथम को अतिथि बनाया यह कतई उचित नहीं है जब स्थानय जनप्रतिनिध राज्यमंत्री दर्जा अतिथि के रूप में तैनात है तो फिर इस तरह अनदेखी क्यों, यदि यही जनप्रतिनिधियों के साथ होता रहा तो फिर क्यों प्रोटोकॉल के नियमों का पालन किया जाता है। 

इससे तो अच्छा है कि इसे बंद कर सरकार अपनी ही सत्ता के नाम पर अपने ही आयोजन करती रहे, बाबजूद इसके हम ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार का विरोध जारी रखेंगें और इन आयोजनों से दूरी बनाकर जनता को भाजपा सरकार की इस तरह की मनमानियों को बताया जाएगा ताकि यह संदेश संपूर्ण मप्र में फैल सकेगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने बताया कि जिले के पांच विकासखण्डों में कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य स्थानीय कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की गई है।