मैं गारंटी देता हूं कि यशोधरा राजे आपको जेल में बंद नहीं करवाएंगी

उपदेश अवस्थी। महादजी के बाद सिंधिया राजवंश में केवल 2 ही ऐसे व्यक्ति हुए जिन्हे इतिहास कभी भुला नहीं पाएगा। जिन्हे सदैव गर्व के साथ याद किया जाएगा। हर समझदार पिता अपने बेटे में माधो महाराज देखना चाहेगा और हर माता अपनी बेटी को विजयाराजे। 20 जून 1886 से 5 जून 1925 के बीच मात्र 39 साल की उम्र में माधोराव सिंधिया जो कर दिखाया। 21वीं सदी में भी लोग इसकी कल्पना तक नहीं कर पाते। कहानी लम्बी है परंतु संक्षेप में सिर्फ इतना कि यदि कभी ग्वालियर को महानगर और शिवपुरी को शिमला कहा गया तो उसका श्रेय माधोराव सिंधिया को जाता है। देश में यात्रा के लिए जब बैलागाड़ियां होती थीं, माधोराव ने रेल चला दी। कोई दूसरी सुभद्रा कुमारी होती तो वो विजयाराजे की वीरता और अदम्य साहस पर लम्बी सी कविता लिखती। हम उन्हे प्यार से अम्मा महाराज कहते हैं परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि वो एक सच्ची क्षत्राणी थीं। जो इंदिरा गांधी से लोहा लेने की हिम्मत रखे और राममंदिर आंदोलन के लिए अपने पति द्वारा भेंट की गई अंगूठी दान कर दे, उसे वीरांगना ही कहना होगा। 

आम्मा महाराज की सबसे लाड़ली बेटी यशोधरा राजे सिंधिया का आज जन्मदिन है। बड़े भाई माधवराव सिंधिया और बहन वसुंधरा राजे की संगत में बड़ी हुईं यशोधरा राजे 64 साल की हो गईं लेकिन आज भी उनके भीतर आम्मा महाराज की सबसे छोटी, अल्हड़, निष्कपट और लाड़ली बेटी जिंदा है। 2 दशक से ज्यादा हो गए राजनीति करते हुए लेकिन राजनीति के दांवपैंच आज तक नहीं सीख पाईं। जैसे अपने भाई माधवराव सिंधिया के सामने जिद किया करतीं थीं, वैसे ही सीएम शिवराज सिंह के सामने भी कर बैठतीं हैं। जैसे अम्मा महाराज के सामने ​नि:संकोच अपने हृदय की बात कह दिया करतीं थीं, वैसे ही शिवपुरी की जनता के बीच कह देतीं हैं। भूल जातीं हैं कि यह जमाना चेहरे पर नकली मुस्कान ओढ़कर चलने वालों को सफलता देता है। यदि बुरा लगता है तो तुनक जातीं हैं। 

राजनीति में इतने शुद्ध और निर्मल हृदय के लोग अब एकाध ही मिलते हैं। जो इतिहास बनाने के लिए राजनीति में आते हैं, वो भी इस कीचड़ में काले हो ही जाते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया में भी इसका असर दिखाई देने लगा है। मैने कई बार यशोधरा राजे सिंधिया के फैसलों की आलोचना की है, बयानों पर तंज भी कसे हैं परंतु आज यह कहना ही होगा कि 2 दशक से ज्यादा राजनीति में रहने के बाद भी यशोधरा राजे सिंधिया के दामन पर वो एक भी दाग नहीं है जो राजनीति में अक्सर लग ही जाते हैं। 

लोग कहते हैं कि शिवपुरी आज भी सिंधिया की गुलाम है लेकिन मैं कहता हूं कि आम आदमी को इतनी आजादी कहीं नहीं मिली जितनी शिवपुरी में है। आप यशोधरा राजे समर्थक के गाल पर कसकर तमाचा मारिए, मैं गारंटी देता हूं कि यशोधरा राजे आपको जेल में बंद नहीं करवाएंगी। वो ना किसी टीआई को फोन करेंगी और ना एसपी से स्पेशल फोर्स भिजवाएंगी। यशोधरा राजे समर्थक यदि किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल है तो आप खुलकर उसकी शिकायत कर सकते हैं, यशोधरा राजे उसने बचाने की कोशिश तक नहीं करेंगी। खदानें, सड़कों के ठेके, इलाके में दबंगी, ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए रिश्वत, कैरोसिन की लीड, रेत माफिया को संरक्षण, खदान माफिया की मदद, पुलिस या प्रशासन पर अवैध ​गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई ना करने का दवाब। ऐसा कुछ भी शिवपुरी में नहीं है। 

आदर्श की तलाश और विकास की प्यास तो लगी ही रहेगी। माफिया और अवैध गतिविधियों में शामिल लोग यशोधरा राजे को घेरकर खत्म करने की कोशिश भी करते रहेंगे और मैं खुद उनके फैसलों की आलोचना भी करता रहूंगा परंतु आज के दिन एक निर्मल और 24 कैरेट शुद्ध हृदय को जनमदिन की शुभकामनाएं।