
श्रीमति गुप्ता ने विश्वास दिलाया कि उनके कार्यकाल मेें जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहेगी और पात्र हितग्राहियों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सारे कार्य मेेरे प्राथमिकता में शामिल हैं। एक पत्रकार द्वारा जब उनसे पूछा गया कि कलेक्टर तरूण कुमार राठी को चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में मृतकों के नाम न हटाने का दोषी पाया और उन पर गाज गिरी तो आप इस मामले में उन नामों को हटाने के लिए क्या प्रयास करेंगी।
अगर आपका अधीनस्थ अमला कोई गलती करता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी रहेगी। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करती। ट्रांसफर की प्रक्रिया आम है और अगर आप इसे वोटर लिस्ट से जोड़ते हैं तो यह आपकी सोच है। रही बात प्रशासनिक अमले की तो अगर वह कोई गलती करता है तो मैं अपने आपको जिम्मेदार मानूंगी, क्योंकि मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं अपने अधीनस्थों पर निगाह रखूं। उन्होंने कहा कि मैं ऐेसे समय पर शिवपुरी आई हूं।
जहां मुझे इलेक्शन भी कराने हैं और उसके लिए मुझे बहुत काम करना है। मतदाता सूची पुनरीक्षण कराना मेरे समक्ष चुनौती है, लेकिन इस चुनौती को भी मैं प्राथमिकता में लेकर काम करूंगी और कल ही मैंने सभी एसडीएम से बात की है और उन्होंने उन्हें बताया है कि कई नाम चिन्हित कर लिए गए हैं जिनकी सुनवाई की जा रही है। अब मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं उसकी मॉनिटरिंग करूं और जल्द से जल्द मतदाता सूची शुद्ध करा सकूं।
खरीद केंद्रों पर नोडल अधिकारी किए जाएंगे तैनात
कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि खरीद केंद्रों पर किसानों से 100 रूपए से 200 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से रूपए मांगने की उन्हें बैराड़ क्षेत्र से शिकायत प्राप्त हुई है। जिसे उन्होंने प्रमुखता से लिया है और जल्द ही खरीद केंद्रों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी।
जिनमें तहसीलदार और सीईओ लेबल के अधिकारी होंगे जो इस तरह के कार्यों पर निगरानी करेंगे। साथ ही खरीद केंद्रों पर लॉ एण्ड ऑर्डर न बिगड़े। इसके लिए एसपी से भी चर्चा करेंगी कि थाना प्रभारी खरीद केंद्रों पर निगरानी रखें।
पेयजल समस्या से निपटने के लिए सीएमओ से की है चर्चा
पत्रकारों द्वारा पूछे गए जलावर्धन योजना में देरी के सवाल पर उनका जवाब था कि इस संदर्भ में कल टीएल बैठक के दौरान सीएमओ से चर्चा की गई है जिसमें उन्होंने बताया है कि टैंकरों के माध्यम से शहर में पानी सप्लाई की जा रही है जिसके लिए हाईडेंट बनाए गए हैं और वहां से पानी की सप्लाई की जाती है।
जिस पर पत्रकारों ने कहा कि दस वर्ष पहले सिंध जलावर्धन योजना शहर में शुरू की गई थी जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और यह योजना 64 करोड़ से बढक़र 125 करोड़ हो गई। इसके बावजूद भी सिंध का पानी शिवपुरी नहीं आया है और इसे लेकर 32 दिनों से जल क्रांति सत्याग्रह पब्लिक पार्लियामेंट द्वारा शुरू किया गया है, लेकिन प्रशासन ने संवेदनहीनता का परिचय दिया और आज तक उनकी समस्या नहीं सुनी गई है।
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी मैं आई हुई हूं और इन सभी समस्याओं से मैं नगरपालिका से चर्चा करूंगी और अगर सत्याग्रही मुझे अपनी समस्या बताएंगे तो उन्हें भी हल करने का प्रयास करूंगी।
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