
जहां दोनों पति पत्नी के बीच राजीनामा हो गया। इसी बात को लेकर पीडि़त थाना प्रभारी का भाई मोहर सिंह नाराज था जिसने राजीनामे के बाद भी अपनी भाभी को भाई के खिलाफ कर दिया और उसने यह घटना कारित कर दी। पुलिस ने इस मामले में फरियादी की पत्नि धनवंती पुत्र चंद्रपाल सिंह और भाई मोहन सिंह व उसके साले अवतार सिंह गुर्जर के खिलाफ भादवि की धारा 379 और 427 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
पीडि़त अमरसिंह गुर्जर ने कोतवाली में दर्ज कराई शिकायत में उल्लेख किया है कि उसकी पत्नी धनवंती और उसके बीच लम्बे समय से विवाद चल रहा था। जिस पर उसकी पत्नी ने उस पर भरणपोषण को लेकर न्यायालय की शरण ली थी। यहां आज वह न्यायालय में पेशी पर आया। जहां दोनों पति पत्नी के बीच राजीनामा हो गया। राजीनामे के बाद वह दोनों न्यायालय से बाहर निकले तो बाहर खड़े उसके भाई मोहरसिंह ने उसका विरोध शुरू कर दिया।
और उसकी पत्नी से कहने लगा कि उससे बिना पूछे उसने राजीनामा कैसे कर लिया। भाई की बातों में आकर धनवंती ने उसका विरोध शुरू कर दिया और वह उसके भाई मोहनसिंह के पक्ष में आ गई जहां मोहनसिंह के साथ उसका पुत्र चंद्रपाल और अवतार सिंह भी था जिन्होंने उसकी क्रेटा क्रमांक एमपी 07 सीई 3094 को पत्थर मार मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। यह घटना कुटुम्ब न्यायालय के बाहर घटित हुई है।