जलक्रांति सत्याग्रह: कलेक्टर की अपील के बाद भी नहीं उठे सत्याग्रही, सत्याग्रह 18वेंं दिन भी जारी

शिवपुरी। पेयजल संकट से जूझ रहे शहरवासियों के घरों तक सिंध का पानी पहुंचाने और दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर शुरू किया जल क्रांति सत्याग्रह अब अपने चरम पर आ गया है और कल निकाली गई रैली के बाद आंदोलन में गति आ गई है साथ ही शहरवासियों का समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। कल रैली के बाद ज्ञापन सौंपने के दौरान कलेक्टर तरूण कुमार राठी द्वारा धरना समाप्त करने की अपील का आंदोलनकारियों पर कोई असर नहीं हुआ और आज 18वें दिन भी क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। 

जहां डॉ. अतुल भार्गव और अजय शिवहरे एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। कल ज्ञापन देने के दौरान कलेक्टर ने आंदोलनकारियों से चर्चा करने के लिए कलेक्ट्रेट बुलाने की बात कही थी, लेकिन कलेक्टर ने उन्हें किसी तरह से चर्चा के लिए नहीं बुलाया। इस बात से भी आंदोलनकारी खफा है। जल क्रांति सत्याग्रह के प्रवक्ता सौमित्र तिवारी का कहना है कि प्रशासन हर बार उनके साथ छलावा कर रहा है। कल कलेक्टर ने भी उनके साथ छलावा करने का प्रयास किया, लेकिन आंदोलनकारी उनके छलावे में नहीं आए। 

ज्ञात हो कि सिंध जलावर्धन योजना वर्ष 2009 में स्वीकृत की गई थी जिसका कार्य आज 9 वर्ष बाद भी पूर्ण नहीं हुआ और इस योजना की आड़ में दोशियान कंपनी और नगरपालिका के जिम्मेदारों ने जमकर भ्रष्टाचार किया और उसकी परिणति यह हुई कि सिंध का पानी बायपास तक पहुंच गया, लेकिन गुणवत्ताविहीन पाइप लाइन होने के कारण आए दिन पाइप लाइन फूटना शुरू हो गई और लोगों के घरों तक पानी पहुंचने का सपना पुन: चूर-चूर हो गया। 

इन दिनों भीषण गर्मी का दौर भी जारी है। ऐसी स्थिति में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। योजना का इतना बुरा हश्र होता देख पब्लिक पार्लियामेंट ने जल क्रांति सत्याग्रह पुन: शुरू करने का निर्णय लिया और कलेक्टर को सत्याग्रह शुरू करने से पूर्व अपनी चार मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें योजना में किए गए भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने और गुणवत्ताविहीन पाइप लाइन को बदलकर नई पाइप लाइन डालने की मांग शामिल थी। 

इसके लिए पब्लिक पार्लियामेंट ने प्रशासन को एक माह का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद जब प्रशासन उक्त मांगे पूरी नहीं कर सका तो 21 अप्रैल से पब्लिक पार्लियामेंट ने जल क्रांति का आगाज किया। इस दौरान कई संगठनों और संस्थाओं का उन्हें खुला समर्थन प्राप्त हुआ। इसी तारतम्य में कल एक रैली निकाली गई। जिसमें शहरवासियों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया और अपने हक के लिए सडक़ों पर उतर आए। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रशासन सकते में आ गया और आंदोलनकारियों को धरना प्रदर्शन समाप्त करने की अपील शुरू कर दी। 

लेकिन आंदोलनकारियों ने बार बार हो रहे छलावे से सबक सीखकर कलेक्टर की इस अपील को दरकिनार कर दिया। उनका कहना था कि पहले उनकी मांगे पूरी की जाएं इसके बाद वह प्रशासन पर भरोसा कर सकेेंगे। सिर्फ आश्वासन देकर वह इस बार धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं करा सकेंगे और आज 18वें दिन भी यह आंदोलन निरंतर जारी है। रात्रि में धरना स्थल पर सुंदरकाण्ड का पाठ भी किया गया।