
साथ ही हितग्राही का आरोप है कि राशन कि दुकान से नियमित राशन व मिट्टी तेल नही बांट रहे हैं। लोगों ने आशंका जताई है कि यहां गरीबों का राशन बिचैलियों को महंगे दामों में बेचा जाता है। यहां बीते 2 माह में निम्न स्तर पर राशन बांटा गया है।
वहीं ग्रमीणों का कहना है कि निर्धारित समय पर दुकान नहीं खोली जाती जिससे लोगों को राशन वितरण की जानकारी नहीं हो पाती। वहीं कोई व्यक्ति राशन लेने से चूक जाए तो उसे राशन लैप्स हो जाने की बात कहकर लौटा दिया जाता है।
देहरदा सडक़ के आदिवासी समाज के लोगो का कहना है कि पिछले 2 माह से शक्कर नहीं मिली है। राशन सरकारी राशन को सरकारी रेट पर न देकर स्वयं कि रेटो पर दिया जा रहा है। जिसके चलते गरीब लोग बाजार से खरीदने को विवश है। सरकारी राशन दुकान महीने में सिर्फ चार दिन ही खुलती है। आम जन इस दुकान के खुलने का इंतजार करते रहते है।
रेट से ज्यादा मूल्य पर दिया जाता है समान .
उचित मूल्य की दुकानों पर शासकीय रेट पर कैरोसिन 26 रूपए लीटर है लेकिन क्षेत्र में कैरोसिन उपभोक्ता को 30 रूपए तक बेचा जा रहा है। इसके साथ ही वही तैल ब्लैक मार्केट में 40 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक्री कि जा रही है।
इसके साथ ही राशन प्रति व्यक्ति राशन 5 किलो दिया जाता है। जिसके साथ नमक अलग से वितरण किया जाता है। लेकिन ग्राम देहरदा सडक में ग्रामीणो को नमक सहित अनाज 5 किलो दिया जाता है वही इन दुकानो की शिकायत की जाती है तो अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है।
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