पोहरी। जिले के पोहरी कृषि उपज मंडी में कल दोपहर किसानों ने व्यापारियों द्वारा खरीद की गई चने की फसल के नगद दाम न देने से नाराज होकर हंगामा कर दिया और दो घंटे तक मंडी को नहीं चलने दिया। बाद में मंडी प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाया और व्यापारियों व किसानों के बीच सुलह कराई जहां व्यापारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि खरीदी गई फसल का कुछ हिस्सा वह नगदी के रूप में देंगे और शेष राशि चैक ड्राफ्ट या बैंक के माध्यम से उनके पास पहुंच जाएगी।
इसके बाद किसान संतुष्ट हुए और उन्होंने अपनी फसल बेची। किसानों का कहना था कि उन्हें नगद रूपयों की आवश्यकता है जिस कारण वह कम दाम में अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें फिर भी नगद राशि नहीं दी जा रही। बस इसी बात को लेकर किसान आक्रोशित हो गए।
बीते दोपहर करीबन एक सैंकड़ा के लगभग किसान चना लेकर मंडी में पहुंचे थे। जहां चने का शासकीय मूल्य 4400 रूपए है, लेकिन उक्त किसान रूपयों की आवश्यकता के कारण अपनी फसल व्यापारियों द्वारा लगाई गई 3200 रूपए की बोली पर बेचने तैयार हो गए थे और व्यापारियों ने उनका माल भी खरीद लिया था, लेकिन जब रूपए देने की बारी आई तो व्यापारियों ने किसानों से कहा कि वह नगद भुगतान नहीं कर सकते। उनके खाते में राशि पहुंच जाएगी।
बस इसी बात को लेकर किसान आक्रोशित हो गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। साथ ही अपनी फसल बेचने से भी इंकार कर दिया जिससे व्यापारी भी भडक़ गए और मामले ने तूल पकड़ लिया। सूचना पाकर मंडी सचिव ओमकार लाल शर्मा वहां पहुंचे जिन्होंने काफी देर तक दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।
बाद में मंडी सचिव ने प्रस्ताव रखा कि फसल की कुछ राशि नगद रूप में व्यापारी किसानों को अदा करें और शेष रकम रकम उनके खाते में जमा करा दे। काफी देर तक इस बात को लेकर सलाह मशविरा चलता रहा और अंत में दोनों पक्ष उक्त प्रस्ताव पर राजी हो गए। तब कहीं जाकर खरीददारी शुरू हुई।
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