पोहरी। पोहरी तहसील के ग्राम पिपरघार में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन हनुमान मंदिर पर पारीक्षित राधामोहन, गणेश प्रसाद, श्याम बिहारी 'सरल' एवं दिनेश कुमार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस गाथा में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। शास्त्री ने बताया कि समस्त वेद पुराण एवं शास्त्रों का निचोड़ ही श्रीमद् भागवत है। संसार के कष्टों के निवारण के लिए ज्ञानयज्ञ किया जाता है। ईश्वर कथा जीवों को आपस में जोड़ती है, तोड़ती नहीं। कथास्थल को प्रणाम करने मात्र से अनेकों विक्रतियां दूर होकर आत्मिक शांति प्राप्त होती है। अगर दुष्कर्मों का त्याग करना हो तो किसी पवित्र स्थल की भी आवश्यकता नहीं, अपितु किसी भी स्थल पर इनके त्याग का संकल्प लिया जा सकता है। संसार का सबसे बड़ा दुख विस्तमृत होना है तथा सबसे बड़ा सुख स्मृति का होना बताया।
शास्त्रीजी ने कहा- परिवार में आपस में झूठ बोलने से कुछ ही समय अंतराल बाद संपूर्ण परिवार विघटित होकर विनाश की ओर अग्रसर होता है। जो संसार में आशक्त है उसके लिए सुपुत्र-कुपुत्र दोनों दुखदाई होते हैं, किंतु जो आशक्त नहीं, उनके लिए सुपुत्र-कुपुत्र दोनों ही सुखदाई होते हैं। दूसरों के गुणदोषों में लिप्त रहने वाले शनै:-शनै: स्वयं भी दोषी होने लगते हैं। अत एव दूसरों के दोषों में लिप्त न रहें, स्व-अवलोकन करते रहें। भगवत कथा और परिवार सेवा सुकर्मों में आंकलित की जाती है। अत: परिवार, समाज एवं देशकाल को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।