पुरातत्व संपदा को अपने आचंल में समेटे तैयार है भव्य संग्रहलय, नेतानगरी में उलझा

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विकास दंडौतिया, शिवपुरी। शहर के छत्री रोड पर स्थित संग्रहालय इस क्षेत्र की पुरात्तव सपंदा को अपने आंचल में समेटे तैयार खडा है। निर्माण कार्य, साज-सज्जा के बाद पिछले 2 साल  से उद्धाटन को तैयार है,लेकिन नेतानगरी और स्टॉफ की कमी के कारण इसे शुरू नही किया जा रहा है। म्यूजियम का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब महज उसमें रखी जाने वाली प्रतिमाओं व अन्य दर्शनीय वस्तुओं से संबंधित जानकारी तैयार की जा रही है, ताकि उसे घूमने आगे वाले लोगों को उसमें रखी हर एक प्रतिमा व पुरातत्व महत्व की धरोहर के बारे में पता चल सके। 

लगभग 2 करोड़ की लागत से शिवपुरी संग्रहालय बनाया गया। पिछले लगभग 11 साल से इसका निर्माण चलता रहाए लेकिन इसके पूर्ण होने के बाद भी पिछले लंबे समय से वो शुभारंभ का इंतजार कर रहा है। इसके ओपन न होने की वजह से बरसों से बनकर तैयार हुए संग्रहालय स्वयं पुरातत्व होता जा रहा है।

अब तैयार है पूरी तरह सैलानियो के लिए
पिछले 11 वर्ष में बनकर तैयार हुआ संग्रहलय पिछले 2 वर्ष से पूरी तरह फिट है, रख-रखाव एवं अन्य कार्यों के लिए स्टाफ  और बडे माननीय नेताओ की तारिख न मिलने की वजह से उसकी ओपनिंग नहीं हो पा रही। महत्वपूर्ण बात यह है कि पुरातत्व विभाग ने संग्रहालय में स्टाफ की उपलब्धता के लिए डिमांड लेटर भेज दियाए लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं हो सकी।

क्या है खास
शिवपुरी जिला संग्रहालयए शिवपुरी के इतिहास को संग्रहित करने में सक्षम स्थल है जहां इतिहास के कई अवशेषों को संरक्षित किया गया है। शिवपुरी का ऐतिहासिक महत्व यहां स्थित कई स्मारकों, मंदिरों और खंडहरों के कारण है वहीं इस संग्रहालय में इन सभी स्थलों के बारे में और उनसे जुड़ी कई सामग्रियों को सहेज कर रखा गया है। 

शिवपुरी का उल्लेख हिंदू धर्म के पुराणों में मिलता है और यह शहर धार्मिक और ऐतिहासिक कारणों से काफी महत्वपूर्ण रहा है। यहां स्थित तात्या टोपे स्मारकए 6 वीं और 7 वीं सदी में बने मंदिर आदि इस शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक छवि को बरकरार रखते है और इसके महत्व की गवाही देते है। 

शिवपुरी जिला संग्रहालय एक बड़ा पुरातात्विक संग्रहालय है।  कई वर्षो की शिवपुरी की संपत्ति को सहेज कर रखे हुए है। यहां एक पुस्तकालय भी है जहां पर्यटक अपनी पसंद के हिसाब से पुस्तक का चयन करके पड सकते है। संग्रहालय का यह भाग शैक्षिक पहलू के उद्देश्य से बनाया गया है। 

इस संग्रहालय में पेंटिग्स, प्राचीन मूर्तियां और सिक्कों का काफी बड़ा कलेक्शन रखा हुआ है जहां मुगल और राजपूत काल के कई सामान भी रखे हुए है। यहां रखे सामान पूर्व काल यानि इतिहास के पन्नें से लोगों को मनोरंजन करते है।

इनका कहना है
संग्राहलय दो साल पहले बनकर तैयार हो गया और इसकी रिपोर्ट हमने ऊपर भेज दी है। दो बार इसके उद्घाटन की डेट आ चुकी है लेकिन फिर टल गई। इस बारे में उच्च अधिकारी ही अधिक जानकारी दे सकते हैं।
डॉ. राजेन्द्र यादव, इंचार्ज शिवपुरी जिला संग्राहलय।
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