
इसके अलावा सूर्य उच्च राशि मेष व चंद्रमा भी उच्च राशि वृष में रहेंगे। सूर्य-चंद्रमा का उच्च होना भी शुभता का प्रतीक है। वहीं अभी मलमास चल रहा है जो 14 अप्रैल तक रहेगा। साथ ही 15-16-17 को श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं होने से इन दिनों शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। 18 अप्रैल को तृतीया के अबूझ मुहूर्त के साथ शादी की शहनाई गूंजेगी।
सूर्य गुरु के घर आते हैं। इसलिए शुभ कार्य नहीं मीन संक्रांति के मलमास के दौरान सूर्य गुरु के घर आते हैं। इसलिए शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। सूर्य अभी मीन राशि में परिभ्रमण कर रहे हैं। मीन राशि के स्वामी ही गुरु है। इसी तरह सूर्य के धनु राशि में आने पर भी मलमास होता है। और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं।
अक्षय तृतीया बाद 12 मई तक शादी फि र अधिकमास अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में शादियां तो शुरू हो जाएगी। लेकिन इस बार श्रेष्ठ मुहूर्त कम निकलने से विवाह के लिए समय कम मिलेगा। 12 मई को अंतिम श्रेष्ठ मुहूर्त आएगा। इसके बाद 16 मई से अधिकमास लग जाएगा। जो 13 जून तक रहेगा।
इस अवधि में भी शादियां नहीं होगी। जून में 19 तारीख से मुहूर्त है। जुलाई में 10 तारीख तक ही शादियां होगी। 14 जुलाई से कर्क संक्रांति शुरू होने से शादियां नहीं होगी। 23 जुलाई को देव शयनी एकादशी से शादियां बंद हो जाएगी।
शादियों के 16 श्रेष्ठ मुहूर्त
माह तारीख
अप्रैल 18, 19,20, 26, 29
मई 11,12
जून 19, 20, 21, 22, 23, 25, 29
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