मामा की भांजियों के साथ प्रशासन का भद्दा मजाक, शादी के कार्ड छपने के बाद सम्मेलन कैंसिल

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शिवपुरी। खबर शहर के मानस भवन से आ रही है। जहां मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गरीब भांजियों के साथ जिला प्रशासन ने कैसा भद्दा मजाक किया है। जहां गरीब भांजियों के साथ प्रशासन ने मजाक करते हुए आज होने बाले सम्मेलन को निरस्त कर दिया है। जब यह मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो मीडिया ने उक्त मामले को प्रमुखता से उठाया। उसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने उक्त सम्मेलन का आयोजन करते हुए अब इन गरीब कन्याओं के हाथ पीले कर रहे है। 

जानकारी के अनुसार जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत गरीब कन्याओं के हाथ पीले करने के लिए आज सम्मेलन का आयोजन किया जाना था। यह सामूहिक विवाह सम्मेलन अंबेडकर सेवा समिति करवा रही थी। इस समिति के अध्यक्ष कोमल चौधरी ने बताया कि उन्होंने 2 फरवरी को सीईओ जनपद के सामने इस सामूहिक विवाह सम्मेलन का आवेदन प्रस्तुति किया था। 

इस आवेदन पर सीईओ जनपद की प्राप्ति भी है। लेकिन जैसे ही ये मामला जनपद अध्यक्ष पारम रावत के पास गया तो कांग्रेस के होने की वजह से उन्होंने इस सम्मेलन में रूचि नहीं ली। मालूम हो कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन के पर्चे बांटे गए। इस पर्चे में विवाह की दो तारीखें दी गईं। जिसमें 12 मार्च एवं 27 अप्रैल 2018 को गांधी पार्क सामुदायिक भवन में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। इस पूरे आयोजन की आयोजक जनपद पंचायत शिवपुरी होगी।

जब इस मामले की भनक मीडिया को लगी तो मीडिया ने मामले को गंभीरता से उठाया। अब मीडिया में उक्त मामला आने के बाद कलेक्टर तरूण राठी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल में उक्त विवाह सम्मेलन को कराने को सीईओ जनपद को दिए। 

इस मामले को लेकर दुल्हन पूजा जाटव से बात हुई तो उसने बताया कि
मेरी सोमवार को बारात आनी है। हाथों में मेहंदी और हल्दी लग चुकी है। लेकिन अब जनपद के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत कोई विवाह सम्मेलन होना ही नहीं है। अब हम रिश्तेदारों को क्या मुंह दिखाएंगे। 

वही शिवपुरी निवासी करिश्मा ने रविवार को रोते-रोत यह व्यथा नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के सामने बयां की। साथ ही ब्याह कराने की गुहार लगाई। करिश्मा की मां ने कहा कि अगर कल शादी नहीं हो पाई तो उनकी बहुत बदनामी हो जाएगी। इसके बाद मामला कलेक्टर तरुण राठी के पास पहुंचा तो उन्होंने सबसे पहले उस संस्था के द्वारा ये शादी समारोह कराने का बीड़ा उठाने का दावा किया उस पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए, वहीं जिन कन्याओं के हाथ पीले होने थे,उन सभी को बुला कर तय समय पर ही शादी कराने के निर्देश दिए। 

ऐसे आया यू टर्न- 11 जोड़े शादी के लिए अड़े तो हुआ खुलासा 
इस सम्मेलन में 27 जोड़ों का विवाह होना था। जोड़े इकट्ठे भी होने लगे। लेकिन जनपद ने हामी नहीं भरी तो कुछ शादियां निरस्त हो गईं। लेकिन 27 में से 11 जोड़े तय समय पर ही शादी करने के लिए अड़ गए। इसके बाद इस पूरे मामले में राजनीति शुरु हुई। बांटे गए पर्चे में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भी नाम और फोटो छपा था। इसलिए भाजपा के कुछ कार्यकर्ता इस मामले में सामने आए। 

उन्होंने कलेक्टर से तय समय पर शादी कराने को कहा। इसके बाद कलेक्टर ने शादी कराने के इंतजामों के लिए जनपद सीईओ को आदेश दिए। इसके बाद 10 जोड़ों को जिला प्रशासन ने पोहरी भेजा है और शेष जोड़ों को शिवपुरी के मानस भवन में शादी कराने के लिए कहा है। 

इनका कहना है-
पता नहीं ये कैसे हुआ। सीईओ जनपद से हमने पूछा तो उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ पता नहीं है। हमने कहा कि जब कुछ पता नहीं तो भ्रम फैलाकर शासन को बदनाम करने वाले दलालों को पकड़ो और एफआईआर कराओ। लेकिन इससे पहले इन बच्चियों के विवाह का इंतजाम करो। शादी तय समय पर ही होगी। 
तरुण राठी, कलेक्टर शिवपुरी 

कलेक्टर ने आदेश दिया है कि भ्रम फैलाने वाले दलाल पर एफआईआर दर्ज कराओ। पहले हम इन कन्याओं के विवाह का इंतजाम कर रहे हैं। 
गगन वाजपेयी, सीईओ जनपद 

इस पूरे मामले में एक भी नाम ऑनलाइन नहीं हुआ है। अगर जनपद विवाह सम्मेलन करती तो पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करते। ये कोमल चौधरी दलाली करता है। मैंने तो कह दिया है सीईओ से कि इस पर एफआईआर कराओ। हमारी जनपद की ओर से कोई घोषणा इस विवाह सम्मेलन की नहीं की गई थी। 
पारम रावत, जनपद अध्यक्ष, शिवपुरी 

सीईओ साहब झूठ बोल रहे हैं। मैंने इन्हें ही आवेदन दिया था। इसकी मेरे पास प्राप्ति है। लेकिन अब वो अपने जनपद अध्यक्ष के दबाव में आ गए हैं। कोमल चौधरी, समिति अध्यक्ष 
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