शिवपुरी में 1 लाख से अधिक असंगठित श्रमिकों का पंजीयन, मिलेगा शिवराज की योजनाओं का लाभ

शिवपुरी। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के कल्याण के लिये प्रदेश सरकार ने एतिहासिक योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत जिले की ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में पंजीयन शुरू हो गया है। जिले में 01 लाख 13 हजार से अधिक असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। जिले में पंजीयन का कार्य 7 अप्रैल 2018 तक निरंतर जारी रहेगा। 

यह पंजीयन जनपद पंचायत द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्तर पर पंचायत सचिव के माध्यम से और नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा शहरी क्षेत्रों में वार्ड प्रभारियो के माध्यम से किया जाएगा। जिससे श्रमिकों को शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। पंजीयन के लिए पंजीयन आवेदन, आयु प्रमाण, समग्र आईडी, आधारकार्ड, बैंक खाते की जानकारी एवं दो पासपोर्ट आकार के छायाचित्र आवश्यक रूप से देना होगा।
कलेक्टर तरूण राठी ने नगरीय निकायों और पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पंजीयन का कार्य प्रभावी रूप से किया जाए। उन्होंने कहा है कि असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के पश्चात इन्हें शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। 

असंगठित श्रमिकों की श्रेणियाँ में है ये श्रमिक
कृषि मजदूर, लघु एवं सीमांत कृषक, घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोडऩे वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, गोदामों में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथकरघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तुएँ और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो-रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लुहार, बढ़ई फर्नीचर तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेन्सी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृह उद्योग में नियोजित श्रमिक। 

श्रमिकों को मिलेंगी ये सुविधायें
1 श्रमिकों को 200 रूपए मासिक फ्लैट रेट पर बिजली। 
2 स्वरोजगार के लिये ऋण। 
3 गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रूपए। प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रूपए जमा किए जायेंगे। 
4 साइकिल रिक्शा चलाने वालों को ई-रिक्शा और हाथ ठेला चलाने वालों को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल। बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार की सब्सिडी दी जायेगी। 
5 घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को दो लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपए की सहायता। 
6 श्रमिक की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिये पंचायतध्नगरीय निकाय से 5 हजार रूपए की नगद सहायता। 
7 हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान। 
8 श्रमिकों के कल्याण की और भी अनेक योजनाएँ।