
पं. राजकुमार शास्त्री ने वर्णन करते हुए बताया कि असुरों के यहां भी ऐसे भक्त पैदा होते हैं जिसका उदाहरण है भक्त प्रहलाद। हर घर में आज भक्त प्रहलाद जैसे पुत्र होना चाहिए, जो प्रभू की भक्ति में डूबा रहे, जिसकी समस्या के समाधान हेतु स्वयं परमात्मा को भी आना पड़ जाए। जिस प्रकार भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए परमात्मा को स्वयं नरसिंह अवतार में आना पड़ा और दुष्ट हिरणाकश्यप का संहार किया जिससे उसे मोक्ष प्राप्त हुआ। यह सब भक्त प्रहलाद की भक्ति का ही असर था जिसके कारण उसके पिता हिरणाकश्यप को मोक्ष प्राप्त हुआ।
पं. राजकुमार शास्त्री की सुमधुर वाणी में जारी बनी हुई संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में सैंकड़ों की संख्या लोग कथा को श्रवण कर अपने को धन्य कर रहे हैं। कथा में मुख्य यजमान की भूमिका में मनीषा-मुन्ना सेन हैं।