एक खबर जो कोलारस विधानसभा चुनाव का रुख बदल सकती है

भोपाल। जी हां, यह एक ऐसी खबर है जो कोलारस में भाजपा का रुख बदल सकती है। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा सिंधिया राजपरिवार को अत्याचारी बताने से दुखी होकर खुद को दायरे में समेट लेने वाली यशोधरा राजे सिंधिया, लम्बे अर्से के बाद फ्रंट लाइन पर आकर कोलारस में भाजपा का प्रचार कर रहीं हैं और इसी दौरान ग्वालियर में कुछ ऐसा हो गया जो यशोधरा राजे को एक बड़ा आघात पहुंचा सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में राजमाता विजयाराजे के राजनैतिक जीवन की वो कहानी सुनाई गई, जिसे भाजपा के इतिहासकारों ने भी कभी दर्ज नहीं किया। 

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित राममनोहर लोहिया व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी, केंद्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह और उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया मौजूद थे। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने समाजवादी चिंतक डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को सच्चा समाज सुधारक बताते हुए कहा कि वह देश की पीड़ित और शोषित जनता के लिए सदैव संघर्ष करते रहे, यही कारण था कि उन्होंने आम चुनाव में तत्कालीन महारानी (विजयाराजे सिंधिया) के खिलाफ सफाईकर्मी सुखो रानी को चुनाव लड़ाया था। वर्ष 1962 के चुनाव में उन्होंने तत्कालीन महारानी के खिलाफ महिला सफाईकर्मी सुखो रानी को उम्मीदवार बनाया था। तब लोहिया ने कहा था कि इस चुनाव में अगर सुखो रानी को यहां की जनता जिताती है, तो यह आर्थिक और सामाजिक क्रांति का श्रीगणेश होगा।

राष्ट्रपति ने बताया कि लोहिया ने फूलपुर से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्होंने ग्वालियर के चुनाव को फूलपुर के चुनाव से अहम बताया था। उनका मानना था कि यह चुनाव देश को एक नया संकेत देने वाला होगा।