चुनावी चर्चा: यह है जातिगत वोट की संख्या, पिछडे वोटो पर नजर दोनो दलो की

शिवपुरी। कोलारस के उपचुनाव अब अपने अंतिम चरण में पहुचं चुका है, काग्रेंस की ओर से सिंधिया मोर्च पर है। और भाजपा की ओर से सीएम शिवराज और मंत्रीयो का कुनबा मोर्चे पर डटा है। अब दोनो दलो के रणनीति कार जातिगत वोटो का गणित का गणित फिट कर रहे है। और हार जीत का आकलन निकाल रहे है, इसमें सबसे खास बात यह है कि पिछडी जाति के वोटो पर दोनो दलो की नजर है। 

कोलारस विधानसभा उपचुनाव में अब प्रचार अंतिम चरण पर पहुंच गया है। मुंगावली में भले ही 22 प्रत्याशी मैदान में है, परंतु मुख्य संघर्ष भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जैन और कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव के बीच माना जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार की मुख्य कमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अकेले संभाल रखी है जबकि भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जैन के समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित डेढ़ दर्जन मंत्री और संगठन प्रभारी सांसद तथा विधायक जुटे हुए हैं। 

भाजपा का मानना है कि मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान और यशोधरा राजे सिंधिया के कारण विधानसभा क्षेत्र के लगभग 27 हजार धाकड़ मतदाताओं में से अधिकांश का समर्थन उसे मिलेगा। ऑफ द रिकार्ड इसे कांग्रेस रणनीतिकार भी मान रहे हैं। वहीं कांग्रेस का मानना है कि उसके दल का प्रत्याशी यादव होने तथा मुंगावली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस द्वारा यादव को टिकट देने का फायदा उसे मिलेगा।

विधानसभा क्षेत्र में 27 से 30 हजार यादव मतदाता हैं। स्व. रामसिंह यादव के निधन के कारण कोलारस सीट पर उपचुनाव हो रहा है और कांग्रेस ने स्व. यादव के पुत्र महेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस कारण यादव मतों पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जा रही है। कांग्रेस को जहां 15 हजार कुशवाह मतों पर भरोसा है वहीं भाजपा 17 हजार मतों को अपने पक्ष में मान रही है। 10-10 हजार वैश्य और ब्राहमण मतदाताओं का बराबर बराबर ध्रुवीकरण कांग्रेस और भाजपा के पक्ष में होने की उम्मीद है। 

विधानसभा क्षेत्र में लगभग 35 हजार आदिवासी मतदाता हैं और चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां सहरिया सम्मेलन को भी संबोधित कर चुके हैं। आदिवासी मतदाताओं को परंपरागत रूप से कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन सहरिया सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने आदिवासी परिवारों को 1 हजार रूपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी जिससे भाजपा को आशा है कि इस बार वह सहरिया मतों में सेंध लगाने में सफल होगी।

लेकिन यह अवश्य कहा जा सकता है कि इस बार आदिवासी मतों का कुछ प्रतिशत भाजपा को अवश्य मिलेगालेकिन किस अनुपात में, इसका पता चुनाव परिणाम से ही लगेगा। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 30 हजार अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता हैं जिनमें बड़ी संख्या जाटव मतों की है। जाटव मतों का झुकाव बहुजन समाज पार्टी की ओर रहता है, लेकिन इस बार बसपा प्रत्याशी मैदान में न होने से कांग्रेस इन मतों के प्रति आशान्वित है। 

लेकिन यशोधरा राजे की कथित धमकी इस वर्ग में असर करती हुई नजर आ रही है। बहुत से मतदाता यह कहते मिले यदि हमने भाजपा को वोट नहीं दिया तो न हमें गैस चूल्हा और न ही मकान मिलेगा। देखना यह है कि इसका किस पैमाने पर अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं पर असर रहता है। कुल मिलाकर भले ही पिछले चुनाव में कांग्रेस ने कोलारस से 25 हजार मतों से विजय प्राप्त की हो, लेकिन इस बार चुनाव काफी रोचक दौर में पहुंच गया है। कांग्रेस और भाजपा के बीच जबरदस्त घमासान है और इन पांच दिनों में जो दल बढ़त बनाने में सफल होगा अंतत: विजयश्री उसे मिलेगी।