फिल्म पद्मावत का शिकार हुए क्षत्रिय समाज के नेता साहब सिंह, पद से हुए निष्कासित

शिवपुरी। फिल्म पदमावत पूरे देश के सिनेमाओ में बडे ही शान से चल रही है। राजस्थान के राजपूतों की आन-बान-शान को गौरवान्वित करने वाली इस फिल्म का शिकार शिवपुरी में एक क्षत्रिय नेता हो गए। फिल्म की तारिफ करने पर क्षत्रिय महासभा ने उन्हे जिला अध्यक्ष पद से निष्कासित कर दिया है। फिल्म का अलग से शो आयोजित कर टॉकीज संचालक द्वारा क्षत्रिय महासभा की मांग पर इसे दिखाया गया जिस पर सभी सदस्यों की सहमति नहीं थी। जिलाध्यक्ष साहब सिंह कुशवाह ने फिल्म देखने के बाद बयान दे दिया कि फिल्म से हम संतुष्ट हैं। इसी बात को लेकर दूसरे पक्ष ने गुस्से में महासभा के प्रदेश पदाधिकारियों तक यह शिकायत पहुंचाई, जिसके बाद साहब सिंह कुशवाह को अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने का पत्र जारी हो गया। 

दरअसलए फिल्म पद्मावत को लेकर संतुष्टि के बयान के बाद यह विवाद शुरु हुआ। क्षत्रिय महासभा के प्रदेश युवा सचिव पृथ्वी राज सिंह चौहान के हस्ताक्षर से मंगलवार देर शाम जारी हुए पत्र में कहा गया है कि बिना किसी की सहमति से यह बयान कैसे जारी किया गया। 

यह बयान उनका खुद का बयान है न कि संगठन का। उनके इस बयान से समाज में गलत संदेश पहुंचा है और इससे संगठन की गरिमा को क्षति पहुंची है। इसलिए साहब सिंह कुशवाह को हटाने का प्रस्ताव पारित करती है। उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष डॉ एसएन सिंह से दूरभाष पर वार्ता हुई और इसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी की सहमति से उन्हें जिलाध्यक्ष पद से निष्कासित करने की कार्रवाई की गई।इसके साथ ही आगामी दिनों में नई कार्यकारिणी गठन करने की बात भी कही गई। 

मुझे उनकी परवाह नहीं 
मुझे उन्होंने नहीं स्थानीय लोगों ने अध्यक्ष बनाया। मुझे उनकी परवाह नहीं, वह होते कौन है मुझे हटाने वाले। यह समाचार न छापें। 
साहब सिंह कुशवाह,शिवपुरी