
कोलारस में चुनाव को लेकर कांग्रेस सिर्फ सिंधिया फेक्ट को चुनाव जीतने का रामबाण मान रही है। वही पिछले चुनाव में 25 हजार से हार खाकर बैठी भाजपा इस चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोडना चाह रही है। सत्ताधारी दल के आगे सांसद सिंधिया को छोडकर सभी कांग्रेसी हतोत्साहित हो रहे है। इनकी मासूमियत बया कर रही कि यह चुनाव उनके लिए कठिन डगर है।
हांलाकि यादव बोटरों और बसपा के बोटरों को अपना मानने बाली कांग्रेस अपनी जीत तय मान रही है। वही भाजपा आदिवासी महिलाओं 1-1 हजार रूपए देने के चलते इन्हें अपने खेमें में मान रही है। अब देखना यह है कि इस चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है। यह समझ से परे है।