शिवपुरी। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एएसआई सतीश रघुवंशी आत्महत्या की सीबीआई जाँच की मांग करते हुए लोकसभा मे केंद्र सरकार से मांग की, कि जिन परिस्थितियों में मेरे संसदीय क्षेत्र के अशोकनगर जिले में पदस्थ एएसआई सतीश रघुवंशी जी ने थाने और सिटी कोतवाली के बीच वायरलेस ग्रिल पर पुलिस वर्दी पहने आत्महत्या की, वह अत्यंत दुखद ही नहीं, बल्कि संदिग्ध भी है।
मृतक अफसर की जेब में मिले आत्महत्या से पूर्व लिखे पत्र में उन्होंने कई सीनियर पुलिस अधिकारीयों द्वारा प्रताडऩा का उल्लेख किया। दिवंगत एएसआई द्वारा आत्महत्या से पूर्व लिखे गए पत्र से की गई छेड़छाड़ से स्व-प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि पूरा मामला संदिग्ध है, विशेष कर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की भूमिका, जिन पर पत्र से अपना नाम मिटाने के भी आरोप है।
यह एक संवेदनशील मुद्दा है जिसकी उपेक्षा करना गैर-जि़म्मेदाराना होगा। इस लिए यह गम्भीर जांच का विषय है - इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई द्वारा कराए जाने से ही सत्यता उजागर हो सकेगी।
श्री सिंधिया ने मांग की की सीबीआई जांच मे ही इन बिन्दुओं के खुलासा हो पायेगा कि
1.एसआई रघुवंशी की आत्महत्या प्रकरण में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की आखिर क्या भूमिका थी?
2. क्या जिले के पुलिस प्रमुख के रूप में उन्होंने निष्पक्षता से कार्य किया?
3.कहीं राज्य सरकार पुलिस अधीक्षक को बचाने का प्रयास तो नही कर रही?
4.अब तक तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज क्यो नहीं किया गया?
5.राज्य सरकार द्वारा मौखिक रूप से जांच का वादा करने के बावजूद, इसके लिए कोई सिफारिश क्यों नहीं की गयी?
उन तमाम परिस्थितियों की जांच होना चाहिए, जिनके चलते ASI श्री रघुवंशी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा, या उनकी हत्या की गयी? हमारी मांग है कि उक्त सारे मामले की सीबीआई जांच हो ताकि सही तथ्य सामने आ सके व दोषियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर उचित कार्रवाई की जा सके।
वैसे तो राज्य सरकार को तत्काल मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाने का परिणाम है, कि मुझे बाध्य होकर भारत के सबसे बड़ी पंचायत के समक्ष उक्त मुद्दा उठाना पड़ रहा है।
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