
मिडिया ने सवाल किया जब दुख है तो बाल क्यो कटवा रहे थे, अध्यापक मनमोहन जाटव का कहना था कि मेरे पिताजी के शांत होने पर भी मैने अपने बाल उन्है नही दिए। सभी जानते है कि अभी 2 माह पूर्व मेरी माताजी शांत हुई थी जब भी मेने उन्है अपने बाल नही दिए।
परन्तुु हमारी नेता और बहिन शिल्पी शिवान ने जब अपने सौंंदर्य रूपी केशो का बलिदान कर दिया। हम इस आंदोलन को और तेज करने के लिए अपने साथियो के मनोबल को बढाने और शिवराज सरकार के तर्पण के लिए अपने केशो का त्याग किया है।
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