शिवपुरी। मप्र के शिवराज सरकार द्वारा सहरिया आदिवासियों के लिए एक हजार रुपए प्रतिमाह देने सहित तमाम योजनाएं चालू किए जाने से दूसरे आदिवासी और समाज के दूसरे वर्गों में नाराजगी देखी जा रही है। अब आदिवासी वर्ग से ही जुड़े मोगिया आदिवासी शिवराज सरकार से नाराज हो गए हैं। इन मोगिया आदिवासियों का कहना है कि मप्र की भाजपा सरकार द्वारा सहरियाओं को विशेष तवज्जो दी जा रही है जबकि दूसरे आदिवासी और अनुसूचित जनजाति वर्ग के जो गरीब लोग हैं उनका ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
नाराज मोगिया जनजाति के आदिवासी लोगों ने बुधवार को पोहरी विधायक का घर पर डेरा डालते हुए कहा कि उन्हें भी शिवराज सरकार उन योजनाओं का लाभ दिलवाए जो सहरिया आदिवासी वर्ग को मिलती हैं। इन मोगिया आदिवासी वर्ग की कई महिलाओं और पुरूषों ने बुधवार को पोहरी विधायक प्रहलाद भारती के घर पर पहुंच उनसे गुहार लगाई कि मोगिया आदिवासियों को भी उन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए जो सहरिया आदिवासियों के लिए चालू की गई हैं। इन मोगिया आदिवासी वर्ग से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चे भी कुपोषण की श्रेणी में आते हैं इसलिए शिवराज सरकार द्वारा जो एक हजार रुपए प्रतिमाह देने की योजना शुरू की गई है उसका लाभ मोगिया आदिवासियों को भी मिलना चाहिए।
पोहरी विधानसभा में हैं बड़ी संख्या में मोगिया आदिवासी
शिवपुरी और श्योपुर जिले में बड़ी संख्या में सहरिया आदिवासी हैं लेकिन मोगिया आदिवासी भी बड़ी संख्या में हैं। खासकर पोहरी विधानसभा के सतनवाड़ा, सुभाषपुरा, मुडख़ेड़ा, गोपालपुरा, ठेह सुहारा आदि गांवों में मोगिया आदिवासी हैं। इन मोगिया आदिवासियों को एससी का दर्जा दिया गया है इन्हें आदिवासी (एसटी) नहीं माना गया है। जबकि इन मोगिया आदिवासियों का कहना है कि हम आदिवासी हैं और जनजाति (एसटी) में आते हैं इसलिए हमें भी सहरिया आदिवासी की श्रेणी का माना जाए। बुधवार को यह भी सभी मोगिया आदिवासी अपने विधानसभा क्षेत्र के पोहरी विधायक प्रहलाद भारती के कोर्ट रोड स्थित घर पर पहुंच गए। पोहरी विधायक ने इन सभी मोगिया आदिवासियों को आश्वासन दिया गया है कि वह सारी योजनाओं का लाभ दिलाने में इनकी पूरी मदद करेंगे।
वोट बैंक की राजनीति से गरमाया मामला
कोलारस उपचुनाव के कारण इस समय सहरिया आदिवासी वोट बैंक पर सबकी निगाहें हैं। कोलारस विधानसभा में 30 हजार से ज्यादा सहरिया आदिवासी हैं। इस वोट बैंक को ध्यान में रख सीएम शिवराज सिंह ने अभी कुछ दिन पहले ही सहरिया सम्मेलन किया और इस वर्ग को लेकर तमाम घोषणाएं की। भाजपा सरकार की इन घोषणाओं को कोलारस उपचुनाव जीतने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
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