ऐसा भजन गाओ जिससे मन सीधे भगवान से जुड़े: साध्वी डॉ. विश्वेश्वरी देवी

शिवपुरी। श्री राम कृपा धाम ट्रस्ट हरिद्वार द्वारा गांधी पार्क में आयोजित संगीतमय श्रीरामकथा के दूसरे दिन परमपूज्य साध्वी डॉ.विश्वेश्वरी देवी द्वारा अपने श्रीमुख से श्रीराम का वाचन करते हुए कहा कि आज भगवान के भजनों के नाम पर फिल्मी गानों की धुनों को ज्यादा बजाया जाता है जिससे एकाग्रता नहीं बनती, बल्कि सच्चाई तो यह है कि ऐसे भजनों से ध्यान ईश्वर की ओर न जाते हुए गानों की ओर जाएगा। साध्वी जी ने कहा कि भगवान का भजन या कीर्तन तो ऐसा होना चाहिए कि जिससे मन स्वत: ही ईश्वर की ओर अग्रसर हो। 

ऐसे भजन केवल सस्ती लोकप्रियता ही दिला सकते हैं इसके अलावा और कुछ भी नहीं, जबकि जीभ का मन को भगवान से जोडऩे का दायित्व होता है वह पूरा नहीं हो पाता। कलियुग में भगवान के कीर्तन को मुख्य कहा गया है और भगवान श्रीराम का नाम विशेष गाने योग्य है। जब आप भगवान के नाम को गाओगे तो उसमें राग की जरूरत नहीं होती, बल्कि अनुराग की जरूरत है। 

मानसकार तो कहते हैं कि भगवान के चरित्र को गाते-गाते भगवत धाम तक की यात्रा हो सकती है, अगर प्रेम से गाओ तो। मनुष्य शरीर में सबसे बड़ी हानि यह है कि यदि मानव शरीर पाते हुए भगवान के नाम रूपी लीलाओं का भजन न करना है। यहां बताना होगा कि कथा प्रतिदिन दोपहर साढे 12 बजे से प्रारंभ होकर शाम 5 बजे तक चल रही है। ट्रस्ट से जुडे अशोक तिवारी, कपिल सहगल, राजेश गुप्ता ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में श्रीराम कथा में पहुंचकर धर्म लाभ लें।