शिवपुरी आई एकात्म यात्रा, हुआ भव्य स्वागत

शिवपुरी। आदिगुरू शंकराचार्य की ओंकारेश्वर (खण्डवा) में प्रतिमा स्थापना हेतु जनजागरण अभियान ‘‘एकात्म यात्रा’’ द्वितीय चरण के रूप में शिवपुरी जिले में पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों एवं समाज के सभी वर्गो द्वारा पुष्पवर्षा कर और महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर मंगल गीत गाकर, बैण्ड-बाजो एवं ढोल धमाकों तथा आतिशबाजी कर एकात्मक यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। 
एकात्म यात्रा नरवर से रवाना होकर जुझाई, बड़ेरा, गनियार, सोनर, सिलानगर, घसारई, नारई, सिरसौद चौराहा, अमोला क्रेशर, सुरवाया, करई, हातौद, कोटा, बांकड़े होते हुए जिला मुख्यालय शिवपुरी पर स्थित तात्याटोपे समाधि स्थल प्रांगण में जनसंवाद का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यात्रा में श्री राधे-राधे महाराज, परमात्मानंद महाराज सहित अन्य संतगण आदि एकात्म यात्रा के साथ थे। 

जनसंवाद के दौरान पर्यटन विकास निगम (केबिनेट मंत्री दर्जा) तपन भौमिक, मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) राजू बाथम, म.प्र.जन अभियान परिषद (राज्यमंत्री दर्जा) राघवेन्द्र गौतम, पोहरी विधायक प्रहलाद भारती, अपर कलेक्टर डॉ.ए.के.रोहतगी, पूर्व विधायक माखनलाल राठौर, वीरेन्द्र रघुवंशी, रमेश खटीक, जन अभियान परिषद के जिला समन्वय डी.एस.सिसौदिया सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों आदि उपस्थित थे। 

जनसंवाद कार्यक्रम को संत श्री राधे-राधे महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य के संदेशों एवं आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने भारत में बैदिक परम्परा को स्थापित किया। उनके पिता का चार वर्ष की आयु में निधन हो गया था। आदि शंकराचार्य ने मां नर्मदा के तट पर ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश प्राचीन काल से ही ज्ञान का केन्द्र रहा है। 

महाकाल की नगरी उज्जैन में संदीपनी आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने भी शिक्षा ग्रहण की। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आदिगुरू शंकराचार्य के संदेशों को घर-घर तक पहुंचाना है और विभिन्न स्थानों से जो धातु एवं मिट्टी संग्रहित की गई है, उसे ओंकारेश्वर में प्रतिमा स्थल तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि एकात्म यात्रा निकालने का मुख्य उद्देश्य जाति, संप्रदाय और छोटे-बड़े के भेदभाव को दूर करना है। आदिगुरू शंकराचार्य ने देश को एक सूत्र में बांधने हेतु देश के चारों कोनो पर चार मठों की स्थापना की।

परमात्मानंद जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य ने एकात्म भाव का संदेश दिया। आज समाज में नई व्यवस्थाए एवं साधन बढ़े है, लेकिन हमारे विचार एवं सोच में विकृति आई है। इन्हें दूर करने एवं जनमानस की सोच को बदलने हेतु एकात्म यात्रा आज शिवपुरी पहुंची है। जब हम दूसरों के प्रति अच्छा सोचेंगे, तभी हमारे मन में एकात्म का भाव आएगा। श्री परमात्मानंद जी महाराज ने कहा कि ‘‘वसुधैव कुटुम्बकं ’’ की भावना प्रत्येक नागरिक में विकसित हो, जिससे मन में एकात्म भाव पैदा होगा। तभी हमारा भारत देश विश्व गुरू बनेगा। 

म.प्र.जन अभियान परिषद (राज्यमंत्री दर्जा) राघवेन्द्र गौतम ने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य ने मां नर्मदा के तट पर ज्ञान प्राप्त किया। सुदूर केरल से आठ वर्ष के बाल सन्यासी के रूप में वे 1200 वर्ष पूर्व हजारों किलो मीटर की पदयात्रा कर गुरू की खोज में गुरू गोविन्दपाद के आश्रम में पहुंचे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ओंकारेश्वर में अनुसंधान केन्द्र एवं वैदिक शिक्षा का केन्द्र शुरू किया रहा है। ओंकारेश्वर में 108 फुट की अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 

जिसका भूमिपूजन 22 जनवरी को किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राजू बाथम ने किया। जनसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को यात्रा के सहप्रभारी श्री अजय खेमरिया ने संकल्प दिलाया कि हम सभी ‘‘जीव, जगत एवं जगदीश के मूलभूत एकात्म भाव को आत्मसात कर स्वयं को उन्नत करेंगे और इस एकात्मता के जरिए एक बेहतर समाज, राष्ट्र एवं विश्व को निर्मित करने में अपना योगदान देंगे।’’ पड़ौरा गुरूद्वारा के प्रबंधक बाबा तेग सिंह ने एकात्म यात्रा पहुंचने पर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। 

इन स्थानों पर जाएगी एकात्म यात्रा
18 जनवरी को शिवपुरी से रवाना होकर गुना वायपास, बड़ौदी, सीआरपीएफ, करवाया, सेसईसडक़, पड़ौरा चौक, फूलराज होटल कोलारस में पहुंचने पर जनसंवाद होगा। एकात्म यात्रा जनसंवाद उपरांत देहरदा तेराहा, लुकवासा, कुल्हाड़ी, बूढ़ाडोगर, चितारा, दिघोद, एनपुरा, बदरवास पहुंचने पर अग्रवाल धर्मशाला में जनसंवाद कार्यक्रम होगा। जनसंवाद कार्यक्रम उपरांत यात्रा सुमेला, ईश्वरी, मांगरौल, अटलपुर, बरखेड़ाखुर्द होते हुए गुना जिले में पहुंचेगी।