परिवहन विभाग की मौन स्वीकृति से सड़कों पर दौड़ रही है मौत, विभाग चुप

शिवपुरी। परिवहन विभाग ने यात्रियों के हित में नियम कानून तो कई बनाए हैं, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण इनका पालन नहीं कराया जा रहा है। शिवपुरी बस स्टैंड से हर रोज अलग-अलग स्थानों के लिए दौड़ लगाने वाली बसों में से ज्यादातर की स्थिति ठीक नहीं है। कई बसें तो कंडम हालत में पहुंचने के बाद भी संचालित की जा रही हैं। बसों में सुरक्षा, आरामदायक सीटों, फस्र्ट एड बॉक्स, शिकायत एवं सुझाव के लिए नंबर लिखने की व्यवस्थाओं को सिरे से दरकिनार किया जा रहा है। 

सुरक्षा मानकों के साथ साथ ट्रैफिक नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। शादियों चलते आने वाले दिनों में बसों व अन्य यात्री वाहनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन यात्रियों के साथ बस कंडक्टर और ड्रायवर मनमानी करते हैं। इससे यात्री परेशान होते हैं। 

परिवहन अधिकारी द्वारा बसों की चेकिंग पिछले कई महीनों से नहीं की कई है। जिसके कारण इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और नियमों की ताक पर बसों का संचालन कर रहे हैं। नगर से संचालित कई बसें व मैजिक वाहन महिलाओं के लिए आज भी सुरक्षित नहीं हैं।

इनमें ड्राइवर, कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं है। बस में यदि किसी यात्री के साथ दुव्र्यवहार होता है तो उसकी शिकायत करने के लिए हेल्प लाइन नंबर भी नहीं लिखे हैं। वहीं बस स्टैंड से विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों में महिलाओं के लिए कई सुविधाओं का अभाव है। आमतौर पर बसों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित रखने का नियम है। लेकिन नगर से चलने वाली अधिकांश बसों में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। इससे उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को यात्रा करने में सबसे ज्यादा दिक्कत मैजिक व लोकल वाहनों में होती है। 

नंबर नहीं लिखे होने से मुसीबत के समय नहीं मिल पाती मदद 
शासन ने बसों में हेल्प लाइन लिखने के निर्देश दिए हैं, लेकिन परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन का हेल्पलाइन नंबर नहीं लिखा गया है। इस कारण यदि किसी यात्री को अव्यवस्था या अभद्र व्यवहार को लेकर शिकायत करनी हो तो वह किसी तरह की शिकायत नहीं कर सकते हैं। 

नहीं लगी है किराया सूची, भीड़ देखते ही बढ़ा देते हैं किराया 
नगर में स्थित बस स्टैंड से हर दिन दो सैकड़ा से अधिक बसें ग्वालियर, गुना, झांसी, राजस्थान, भोपाल, इंदौर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ लगाती हैं। इनमें से ज्यादातर बसों में किराया सूची नहीं लगी हुई। 

जिसके कारण त्योहार या सहालग के समय होने वाली भीड़भाड़ को देखते हुए बस चालक यात्रियों से मनमाना किराया लेना शुरू कर देते हैं। जिसकी वजह से कई बार बस में चलने वाल स्टाफ से कई बार झगड़ा होना शुरू हो जाता है। खास बात यह है कि इस मामले का समाधान नहीं हो पाता है। यात्री बसों में न सुविधाएं न सुरक्षा, त्योहार के दौरान फिर होगी यात्रियों को दिक्कत

यात्री बसों में इन नियमों का होना चाहिए पालन यह है नियम-
जीपीआरएस सिस्टम से सभी वाहन जुड़े होने चाहिए। ड्राइवर, कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन तथा उसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। ड्रायवर कंडक्टर की जानकारी पुलिस और वाहन मालिकों के पास भी होना चाहिए। ड्राइवर सीट के पीछे भी दर्ज होना चाहिए। यात्री बस के पूरे रूट की जानकारी का उल्लेख होना चाहिए। फर्स्ट एड बॉक्स लगा होना चाहिए। शिकायत एवं सुझाव के लिए अधिकारियों के जरूरी नंबर लिखे होने चाहिए।