दूध की हड़ताल : दूधिए एवं डेयरी संचालक आए आमने सामने, डेयरी संचालकों ने मंगाया दूध

शिवपुरी। शहर में दूधियों की हड़ताल का व्यापक असर दिखाई देने लगा है डेयरी संचालकों की मनमानी के चलते खिलाफ हड़ताल पर गए दूधियों द्वारा शहर में आज भी दूध की सप्लाई नहीं की गई। वहीं दूसरी और डेयरी संचालकों ने भी एक बैठक का आयोजन ऋषि मैरिज गार्डन पर किया और इसके बाद डेयरी संचालकों ने प्रशासन से मुलाकात की। प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों को बिठाकर सहमति बनाने का प्रयास किया गया मगर देर शाम प्रशासन का यह प्रयास भी असफल रहा। डेयरी संचालकों का कहना है कि दूधिया हम पर लगातार दबाव बना रहे हैं और सांची सहित अन्य ब्राण्डेड कंपनी का दूध तक न बेचने देने की बात कर रहे हैं। एक डेयरी संचालक का तो यहां तक कहना है कि कुछ दूधिया प्रभारी मंत्री रुस्तम सिंह गुर्जर की धमकी भी दे रहे हैं। 

दूध की लगातार दूसरे दिन हुई हड़ताल से बाजार में चाय दुकानों पर लगने वाली भीड़ जहां सिरे से नदारद थी वहीं बीमार और बच्चे भी दूध के लिए तरसते दिखाई दिए। आज भी दूध सप्लाई पूरी तरह ठप रही। यहां बता दें कि हड़ताल की बजह यह है कि दूधियों का कहना है कि डेयरी विक्रेता हमसे दूध 30 रुपए लीटर खरीद रहे हैं और वे ग्राहकों को 40 रुपए लीटर तक में बेच रहे हैं, डेयरी संचालक सीधे सीधे 10 रुपए का फायदा ले रहे हैं दूधियों को जो पहले 32 रुपए लीटर का भुगतान होता था उसमें से ही 2 रुपए और कम दिए गए हैं। 

दूधियों का कहना है कि जब तक तक दूध के काम 36 रुपए लीटर नहीं हो जाते तब तक दूधियों की यह हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी। दूधिया संघ का कहना है कि डेयरी संचालकों द्वारा दूध के दाम घटाए जाने से दूधिया परेशान हैं। एक ओर अवर्षा के कारण दूधियों के पर सूखे का संकट गहराया हुआ है वहीं दूसरी और पशुओं के लिए पशु आहार की कीमत लगातार बढ़ रही है ऐेसे में दूध के दाम बढ़ाना जायज हैं। इस हड़ताल के कारण डेयरियों पर दूध नहीं मिला। सुबह के समय केवल गिनी चुनी उन डेयरियों पर ही दूध मिला जिनके पास कल का दूध स्टॉक में रखा हुआ था।

बताया जाता है कि हर साल डेयरी संचालक व हलवाई दूध में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करते हैं, लेकिन इस बाद दूध के दाम 32 से 34 करने के बजाय 2 रुपए घटाकर 30 रुपए लीटर कर दिये। इस निर्णय से दूधिया गुस्साए हुए थे। हड़तालियों का कहना है कि जब तक दूध के दाम 36 रुपए प्रति लीटर नहीं कर दिए जाएंगे तब तक दूध की हड़ताल जारी रहेगी।

दूधिया पंचायत में फैसला लिया था कि यदि कोई दूधिया हड़ताल खत्म होने से पहले बाजार में दूध बेचने के लिए आया तो उस पर 1100 रुपए का अर्थदंड रोपित किया जाएगा। उसके दूध को न तो फेंका जाएगा और न ही दूध बेचने वाले दूधिए के साथ अभद्रता होगी। उसे दूधिया समाज के बीच में लाकर उसकी गलती का अहसास कराया जाएगा।

फैट के अनुसार देंगे दाम
दूधियों की हड़ताल के चलते एक और जहाँ जनता दूध के लिए परेशान हो रही है वहीं डेयरी संचालक भी दूधियों की इस माँग के आगे नहीं झुक रहे। डेयरी संचालकों की एक आवश्यक बैठक का आयोजन ऋषि मैरिज हाउस में किया गया जिसमें दुग्ध व्यापार संघ ग्वालियर के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। 

डेयरी दुग्ध संघ शिवपुरी के अध्यक्ष आनंद राठौर ने बताया कि दूधिए जिस भाव की मांग कर रहे हैं हम उन्हें वह भाव देने तैयार हैं मगर हम अब फैट के अनुसार ही दाम देंगे। श्री राठौर का कहना है कि जिस तरह हमें दूध बेचने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है वैसे ही दूधियों के भी लाइसेंस बनवाए जाएं और इनकी भी सैंपलिंग की जाए।

नाकाम रहा प्रशासन, हड़ताल जारी
कलेक्टोरेट में आज दिन भर दूधिया संघ और दुग्ध विक्रेता व्यापारी संघ शिवपुरी का आना जाना लगा रहा। जब डेयरी संचालकों का दल यहाँ ज्ञापन देने पहुंचा तो इसी बीच दूधिया संघ के पदाधिकारी भी मौके पर आ गए। प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने का प्रयास किया। डेयरी संचालक जहाँ फैट के अनुसार पैसे देने की माँग पर अड़े रहे वहीं दूधियों ने फैट के स्थान पर मावे की मात्रा के हिसाब से दूध देने की बात कही।