
इसके चलते इन कॉलेजों में पढ़ने वाले लॉ स्टूडेंट परेशान हैं। उनमें एमएलबी कॉलेज भी शामिल है। कॉलेज के छात्रों को हाल ही में पता लगा कि वह जो बीएएलएलबी और एलएलबी की डिग्री कर रहे हैं उन्हें बीसीआई मानने को तैयार नहीं, क्योंकि बीसीआई ने इन कॉलेजों को मान्यता ही नहीं दी है।
एमएलबी ग्वालियर के अलावा मुरैना, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी के लॉ कॉलेज भी बिना मान्यता के चल रहे हैं। कॉलेजों का कहना है कि वह बीसीआई के इंस्पेक्शन के लिए फीस जमा करा चुके हैं, लेकिन बीसीआई की टीम ने कॉलेज का निरीक्षण नहीं किया है। सबसे पहले विश्वविद्यालय इन कार्यों का निरीक्षण करता है। उसकी रिपोर्ट पर ही बीसीआई कॉलेजों को मान्यता प्रदान करता है।
विश्वविद्यालय और बीसीआई के बीच छात्र परेशान हो रहे हैं। अकेले एमएलबी कॉलेज से ही हर साल 1000 विधि छात्र पास आउट होते हैं। 2010 से लगातार मान्यता को लेकर विवाद चल रहा है। उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि वह शासन स्तर पर मान्यता के लिए कोशिश करेगा।