
यह पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है। यहां पर पवा रैंपी नदी से लगे गांव बसई, राजपुर, घटाई, रानीपुरा, रांठखेरा, भैसदा, बेशी, बमरा, मायापुर आदि गांवों हजारों लीटर पानी प्रतिदिन चोरी हो रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि सिंचाई के लिए दबंग लोग इस पानी को डीजल पंप लगा चोरी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना राजस्व और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भी दी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
कलेक्टर के निर्देशों की निकली हवा
कलेक्टर तरूण राठी ने जिले में सूखे को देखते हुए बारिश का पानी तालाबों व प्राकृतिक जल स्त्रोतों से बचाने के लिए खेती व किसानी के लिए पानी लेने पर रोक लगाई है जिससे गर्मी के दिनों में पानी आम लोगों व पशुओं के लिए पीने में मददगार रह सके लेकिन इन निर्देशों को कोई नहीं मान रहा है। जो दबंग पानी चोरी कर रहे हैं वह इतने प्रभावशील है कि राजस्व व पुलिस अफसर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
तो फिर गर्मी में क्या होगा
इस समय पवा नदी सहित दूसरे जल स्त्रोतों से जो डीजल पंप लगाकर पानी चोरी किया जा रहा है उसके बाद गर्मी के दिनों में हालात खराब रहने वाले हैं। इस बारे में प्रशासन ने अभी से कोई आवश्यक कदम नहीं उठाए तो जिले से पलायन होना निश्चित है। कारण यह है कि जिले में 816 मिलीमीटर औसत बारिश का आंकड़ा है लेकिन इस साल 50 प्रतिशत भी औसत बारिश नहीं हुई है। इसके अलावा इस बार अधिकत तापमान का औसत स्तर भी ज्यादा चल रहा है और आने वाले दिन संकटग्रस्त हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
तालाब व प्राकृतिक जलस्त्रातों से पानी चोरी किया जा रहा है तो यह गलत है। आज ही मैं पवा व रैंपी नदी के आसपास के ग्रामों में इसकी जांच के लिए पटवारियों को भेजता हूं। ऐसा हो रहा होगा तो इसे रोका जाएगा।
आरए प्रजापति
एसडीएम, कोलारस