भ्रष्टाचार का गढ़ महिला बाल विकास विभाग में घोटाला, बड़े बजट को लगा रहे है ठिकाने

शिवपुरी। बैसे तो महिला एवं बाल विकाश विभाग अपनी कारगुजारीयों के चलते पूरे मध्यप्रदेश में आए दिन सुर्खिया बटौरता है। लेकिन शिवपुरी में जिस तरह से महिला एवं बाल विकाश विभाग में भ्रष्टाचारीयों ने इस विभाग को पूरी तरह से बदनाम कर दिया। सरेआम इस विभाग के कर्ता धर्ता बजट को ठिकाने लगा करे है और कोई भी कुछ भी कहने से परेज कर रहे है। महिला बाल विकास और उसके प्रभारी अधिकारी ओपी पांडे द्वारा आई सी डी एम योजना के तहत आये बजट को प्रशिक्षण के नाम पर ठिकाने लगाने की जानकारी मिली है। इन अधिकारी के ऊपर पूर्व में कई प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं और अब फिर से एक नए भ्रष्टाचार के आरोप श्री पाण्डेय पर लगने लगे है।

सूत्रों की जानकारी के अनुसार सम्पूर्ण जिले जिसमे शिवपुरी,करैरा, कोलारस, बदरबास, पोहरी, खनियाधाना, नरवर, पिछोर के सभी परियोजना अधिकारी शामिल है जिसमें महिला आगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया जाना है लेकिन विभाग द्वारा केवल प्रशिक्षण के नाम पर आंगनवाड़ी में कुछ कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जिसमे कार्यकर्ताओ को दोनों समय भोजन दिया जाना है लेकिन एक कार्यकर्ता ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि उनको केवल कचोड़ी समोसा खिला कर उनको रवाना कर दिया और हद तो तब हो गई जब प्रशिक्षण में कार्यकर्ताओं से 6 दिन के हस्ताक्षर एक दिन में ही करवाकर 18 लाख के बजट को साठगांठ कर ठिकाने लगाने की तैयारी महिला बाल विकास विभाग और उसके अधिकारियो द्वारा की जा रही है।

इस प्रशिक्षण में अलग अलग 128 सेक्टर केंद्र बनाए गए है जिनमे 30-30 कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी शशि अग्रवाल, मधु यादव और पर्वेक्षक निबिदित के कंधों पर है इस प्रशिक्षण का प्रभारी नीलम पटेरिया को बनाया गया है जिनका कोई लिखित आदेश भी नही दिया गया है जबकि इन अधिकारी के ऊपर पूर्व में कई प्रकार के भ्रस्टाचार के आरोप लग चुके है जिनकी विभागीय जांच भी चल रही है इसी तरह के प्रशिक्षण में पूर्ब में एक डीपीओ संजना अलुना के ऊपर जाँच उपरांत एफआईआर भी हो चुकी है अब उसी बजट को ओपी पांडेय ठिकाने लगाने की तैयारी में लगे है।

भोजन का फर्जी बिल लगाकर कराते है  भुगतान।
प्रशिक्षण के नाम पर आदर्श महिला मंडल द्वारा बिल लगाकर भोजन का भुगतान किया जाता है जबकि इतनी कार्यकर्ता उपस्थित भी नही होती लेकिन भुगतान सभी का होता है अगर इस आदर्श महिला मंडल के पिछले बिलो की जांच की जाए तो दूध का दूध ओर पानी का पानी हो जाएगा । 

वही इस मामले की अगर जिला प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच कराई तो बड़ा भ्रस्टाचार उजागर हो सकता है और भविष्य में इस तरह के कार्यो की पुनरावृत्ति भी नही होगी। जब इस संबंध में ओपी पाण्डे का पक्ष लेने के लिए फोन लगाया तो उन्होंने अपना फोन उठाकर रख दिया और जबाब देना भी उचित नहीं समझा।