चैक बाउंस के मामले में पीडब्लूडी कर्मचारी रमेश को 7 माह की सजा

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शिवपुरी। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सुश्री कामनी प्रजापति ने चैक बाउंस के मामले सुनवाई करते हुए पीडब्ल्यूडी कर्मचारी रमेश प्रसाद अहिरवार को दोषी करार देते हुए सात माह के कारावास एवं 4 लाख रुपए प्रतिकर की सजा से दण्डित किया। प्रतिकर न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा। मामले की पैरवी अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव द्वारा की गई।

अभियोजन की कहानी के अनुसार अभियुक्त रमेश प्रसाद अहिरवार पुत्र ग्यासीराम अहिरवार लोक निर्माण विभाग में वाटरमेन के पद पर पदस्थ होकर पुलिस लाइन के सामने निवास करता है, ने फरियादी राजेश यादव निवासी पुरानी शिवपुरी से घरेलू खर्चों एवं अन्य कार्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 4 लाख रुपए 30 नवम्बर 2013 को उधार बतौर ऋण के रूप में लिए थे। अभियुक्त ने अभियोगी को एक अनुबंध पत्र 4 लाख रुपए की अदायगी के लिए संपादित कराया था। 

उक्त अनुबंध पत्र की अवधि पूरी होने के बाद अभियुक्त ने फरियादी को 4 लाख रुपए भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक न्यूब्लॉक शिवपुरी का चैक दिया। फरियादी ने जब उक्त चैक अपने खाते पंजाब नेशनल बैंक शिवपुरी में भुगतान प्राप्त करने हेतु पेश किया तो बैंक द्वारा अपर्याप्त राशि होने के कारण उक्त चैक को बिना भुगतान के फरियादी को वापस कर दिया। 

फरियादी ने चैक बाउंस होने की सूचना आरोपी को अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से भेजी जो अभियुक्त को प्राप्त हो गई थी। अभियुक्त ने सूचना प्राप्त होने के पश्चात भी उधार ली गई राशि का भुगतान फरियादी को नहीं किया। इसके बाद फरियादी ने उक्त चैक बाउंस का परिवाद पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया। 

माननीय न्यायालय जेएमएफसी महादेय सुश्री कामनी प्रजापति ने प्रकरण में आए साक्ष्य विवेचन उपरांत आरोपी को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम में 7 माह का सश्रम कारावास और 4 लाख रुपए प्रतिकर के दण्ड से दण्डित किया, साथ ही प्रतिकर न देने की स्थिति में 3 माह के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामले में फरियादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव व जूनियर अशपाक खान द्वारा की गई।

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