
लेकिन एक घंटे में समस्या दूर कराने के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ उन्हें रात तक भी नहीं मिला। अगले दिन 26 अगस्त को जब उन्होंने एफओसी नम्बर पर पुन उनकी समस्या दूर न होने की बात बताई तो उन्होंने कहा कि कल की शिकायत तो कल ही समाप्त हो गई अब उन्हें पुन: शिकायत दर्ज करानी होगी। इस पर उन्होंने सबसे पहले प्रात: 7 बजे, उसके उपरान्त 10 बजे, दोपहर 12 बजे और इसी प्रकार एक के बाद एक पूरे दिन में एफओसी नम्बर पर आठ शिकायतें दर्ज कराईं लेकिन रात दस बजे तक भी उनकी समस्या का निराकरण नहीं किया गया।
इसके अलावा परेशान हाल श्री श्रीवास्तव एवं उनके कुछ अन्य पड़ौसी लगातार विद्युत मण्डल के स्थानीय अधिकारियों से बात करते रहे। अन्तत: 26 अगस्त की रात साढ़े दस बजे एफओसी टीम उनकी समस्या का निराकरण करने पहुंची। कुल मिलाकर एक घंटे में विद्युत उपभोक्ताओं की समस्या का निराकरण करने के नाम पर शुरू की गई यह सेवा पूरी तरह मजाक बनी हुई है।
एफओसी सेवा का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू
उपभोक्ताओं को एक घंटे में समस्या से निजात दिलाने के लिए शुरू की गई इस एफओसी सेवा का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि जिस दिन शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत की गई, उस दिन समस्या का निराकरण हो अथवा न हो लेकिन शिकायत समाप्त कर दी जाती है और फिर अगले दिन नए सिरे से शिकायत कर पुन:लाइन में लगना होता है। बिना शिकायत समाप्त हुए शिकायत को समाप्त करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं ठहराया जा सकता। यदि शिकायत को निराकरण तक लंबित रखा जाए तो कर्मचारी लापरवाही करन की जगह समस्या समाप्त में अधिक ध्यान देंगे।
इनका कहना है-
एफओसी सेवा के पास शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। इसलिए उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण निश्चित समयावधि में नहीं हो पा रहा है। स्टाफ की
कमी मुख्य वजह है।
संदीप पाण्डे
सहायक यंत्री, विद्युत मण्डल शिवपुरी