
कलेक्टर श्री राठी ने निर्देश दिए कि बालश्रम स्कूलों को संचालित करने हेतु एनजीओ (स्वयं सेवी संस्थाओं) को निर्धारित प्रारूप में आवेदन देना होगा। इन संस्थाओं का पंजीयन 3 वर्ष पूर्व का हो और फार्म एवं सोसायटी में पंजीकृत हो। संस्था की ऑडिट रिपोर्ट गत 3 वर्ष की होना आवश्यक है, जिसमें बैलेंस के रूप में 50 हजार रूपए की राशि होना आवश्यक है। साथ ही वह ब्लैक लिस्टेड न हो। चयन उपरांत संबंधित संस्थाओं को अपनी संस्था के मूल दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
यह स्कूल एक वर्ष के लिए संचालित होंगे। संस्थाओं का कार्य संतोषजनक न होने पर उनसे कार्य वापस लेने की कार्यवाही की जाएगी। श्री राठी ने कहा कि मई-जून 2017 में सर्वे के दौरान पाए गए लगभग 1400 बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा और प्रत्येक बच्चें की समग्र आई.डी. भी आवश्यक रूप से बनाए। उन्होंने बैठक में उपस्थित समिति के सदस्यों से भी आग्रह किया कि स्कूल संचालित होने के उपरांत वे भी अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित बालश्रम विद्यालयों का निरीक्षण करें। उन्होंने जिला बालश्रम उन्मूलन समिति के सचिव को निर्देश दिए कि स्कूल संचालन हेतु इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाए आगे आए। इसके लिए स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी कराए और स्थानीय संस्थाओं को प्राथमिकता दें।