घोटालो से भरी पालिका: जांच से पूर्व ही कर दिया टेंकरो का भुगतान

शिवपुरी। जिले के किसी विभाग में सबसे ज्यादा घोटाले सामने आए है वह है शिवपुरी की नगर पालिका अब शायद नपा प्रशासन के कर्मचारियो और अधिकारियो ने घोटालो की शतक लगाने की ठान ली है। बताया जा रहा है कि शहर के प्यासे कंठो को पानी पिलाने के नाम पर एक घोटाला कर दिया और इसके जांच के आदेश भी मप्र शासन की मंत्री और शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे के जांच के आदेश के बाद भी जांच शुरू करने से पूर्व ही टेंकरो को नपा ने पेमेंट कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस पेमेंट करने में तय शुदा कमीशन दिया गया है। 

जैसा कि विदित है कि कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने 6 जुलाई को मुख्य नगरपालिका अधिकारी रणवीर कुमार को पत्र लिखकर आदेशित किया था कि जल परिवहन में लगे टैंकरों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जांच होने के उपरांत ही भुगतान किया जाए लेकिन इस आदेश की अनदेखी करते हुए सीएमओ रणवीर कुमार ने 12 जुलाई को 12 हजार लीटर के जल परिवहन में लगे टैंकरों का लगभग 11 लाख रूपए का भुगतान संबंधित ठेकेदार को कर दिया। 

यह चैक पूर्ववर्ती लेखापाल कुर्रेशी ने चार्ज देने के बाद बनाया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा नियुक्त पार्षदों की जांच कमेटी को भंग कर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती  नीतू माथुर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी थी और निर्देशित किया था कि जब तक जांच पूरी न हो जाए किसी भी टैंकर का भुगतान नहीं किया जाए। 

नगरपालिका में जल परिवहन का अनुमानित घोटाला डेढ़ करोड़ रूपए से अधिक का है। खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे द्वारा नियुक्त जांच टीम और कांग्रेस के नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने जांच के उपरांत इस घोटाले की पुष्टि की थी। यशोधरा राजे के निर्देश पर जब उनके नगरपालिका में विधायक प्रतिनिधि रत्नेश जैन डिंपल और वरिष्ठ पार्षद अभिषेक शर्मा ने हाईडेंटों का निरीक्षण कर टैंकरों की जानकारी ली थी तो उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यशोधरा राजे को अवगत कराया था कि नगरपालिका प्रशासन, अफसरशाही और ठेकेदारों की सांठगांठ से पेयजल परिवहन में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। 

वहीं नगरपालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने अप्रैल माह में भदैयाकुंड के दो हाईडेंटों का निरीक्षण करने के बाद बताया था कि 24 हजार और 12 हजार लीटर की क्षमता वाले टैंकरों के परिवहन में डेढ़ करोड़ रूपए से कम का भ्रष्टाचार नहीं है। 

एक टैंकर को भरने में 4 घंटे 35 मिनट, 12 घंटे में कैसे लगेंगे 6 चक्कर 
नगरपालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा का गणित इस मामले में बिल्कुल साफ है। उन्होंने बताया कि भदैयाकुंड के दो हाईडेंटों को 12 हजार और 24 हजार लीटर की क्षमता के टैंकरों को भरने के लिए सुरक्षित रखा गया था। यह तय हुआ था कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक उपरोक्त दो हाईडेंटों पर 12 हजार  लीटर की क्षमता वाले तथा शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक 24 हजार लीटर की क्षमता  वाले टैंकर भरे जाएंगे। इससे स्पष्ट है कि बड़े टैंकरों को 24 घंटे में पानी भरने के लिए महज 12 घंटे ही उपलब्ध हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि उन्होंने निरीक्षण में पाया कि एक टैंकर को भरने से लेकर खाली करने और पुन: हाईडेंट पर पहुंचने में 4 घंटे 35 मिनट का समय लगता है। इससे स्पष्ट है कि अधिक से अधिक एक टैंकर 3 से अधिक चक्कर नहीं लगा सकता। समय को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि बड़े टैंकरों को भरने में दो घंटे, पानी की टंकियों पर पहुंचने में डेढ़ घंटे, 45 मिनट  खाली होने में और 50 मिनट पुन: हाईडेंट में पहुंचने में लगते हैं। लेकिन भुगतान पूरे 6 चक्कर का लिया गया। अर्थात 24 घंटे को भी भ्रष्टाचारियों ने 26 घंटे बना दिए। 

नपाध्यक्ष ने बनाई थी पार्षदों की कमेटी
यशोधरा राजे ने सीएमओ को पत्र लिखकर टैंकर घोटाले की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने का निर्देश दिया था लेकिन सीएमओ ने खुद जांच कमेटी गठित करने के स्थान पर नपाध्यक्ष के पाले में गेंद डाल दी और खास बात यह है कि नपाध्यक्ष ने कमेटी में पार्षदों की कमेटी बना दी। जबकि टैँकर घोटाले में पार्षदों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। कमेटी में दो पार्षद भी थे जिनके वार्ड में दो के स्थान पर तीन तीन टैंकर लगे हुए थे। 

कलेक्टर ने गठित की जांच कमेटी
नपाध्यक्ष द्वारा गठित कमेटी विवादित होने के बाद कलेक्टर तरूण राठी ने जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नीतू माथुर, शहरी विकास प्राधिकरण अधिकारी श्री पांडेय और पीएचई अधिकारी श्री बाथम की जांच कमेटी बना दी और जांच कमेटी ने जांच पूरी न होने तक भुगतान न करने के आदेश दिए। 

इनका कहना है- 
12 हजार लीटर और 24 हजार लीटर की क्षमता वाले टैंकरों का भुगतान बिना सत्यापन हुए और बिना पंचनामा बनाए हुआ है। इनमें हुआ भ्रष्टाचार स्वत: प्रमाणित है। जहां तक छोटे टैंकरों का सवाल है तो उनका भुगतान सत्यापन करने के बाद ही हो रहा है। कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे के पत्र के बाद भी बड़े टैंकरों का भुगतान किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए संबंधितों पर कार्यवाही होनी चाहिए। 
अभिषेक शर्मा, बट्टे वरिष्ठ पार्षद, नगरपालिका, शिवपुरी