
कलेक्टर तरूण राठी ने जनसुनवाई में नए दिशा निर्देश दिए है कि विभागीय अधिकारी अपने कार्यालय मे जनसुवाई करेगें और आवेदकों का तत्काल निराकरण करेगें। इस प्रकार की जनसुवाई की फिजीकली देखरेख करने के लिए डिप्टी कलेक्टर एलके पाडें को नियुक्त किया है।
आज जनसुवाई के दिन अपर कलेक्टर पाण्डे जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत सिंंह गिल के कार्यालय में 11 बजकर 50 मिनिट पर देखा तो जिला शिक्षा अधिकारी तो कार्यालय में बैठे मिले लेकिन जनसुनवाई के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। वह अपनी फाईलों पर साईन करते मिले।
जब डिप्टी कलेक्टर ने पूछा कि अभी तक जनसुनबाई में कितने आवेदन आए है तो डीईओ परमजीत सिंह गिल ने कहा कि अभी तक कोई आवेदन नहीं आया। बताया गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जनसुवाई के आवेदन लेने के लिए अपनी एक महिला क्लर्क को बैठा दिया था। डीईओ गिल ने मेडम को बुलाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि 6 आवेदन आए है। सवाल यह है कि यदि इसी तरह आवेदन जमा करने थे, उनका तत्काल निराकरण ही नहीं होना तो जनसुनवाई की जरूरत ही क्या है।
तीन अधिकारी गायब मिले
इसके साथ ही जब डिप्टी कलेक्टर एल के पाण्डे आबकारी कार्यालय में पहुंचे तो जिला आबकारी अधिकारी रविन्द्र मानकपुरी अनुपस्थिति मिले, फिर वह आरईएस में पहुंचे तो वहां भी जिला अधिकारी अनुपस्थिति पाए, वही जब उप पजींयक सहकारिता के कार्यालय में पहुंचे तो वह भी अनुपस्थिति मिले।
इनका कहना है-
आज मेंने पाण्डे को सभी विभागों में भेजा था। जिस पर पाण्डे ने सभी को जाकर देखा तो कुछ अधिकारी अपने कार्यालय से अनुपस्थिति पाए गए। अनुपस्थित अधिकारीयों को मेने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अगर जनसुनवाई को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा तो कार्यवाही की जाएगी। रही बात शिक्षा विभाग की तो उसमें भी अगर अधिकारी कार्यालय में है और जनसुनवाई कोई और ले रहा है तो वह भी गलत है। मे इसे भी दिखवाता हूॅ।
तरूण राठी,कलेक्टर शिवपुरी।