शिवपुरी। न्याय दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया के अपने एक निर्णय में आरोपी को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए छह माह का कारावास एवं एक लाख 20 हजार रुपए प्रतिकर देने का आदेश पारित किया। प्रतिकर न देने पर 60 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपी ने उक्त निर्णय के विरूद्ध माननीय सत्र न्यायालय शिवपुरी में अपील प्रस्तुत की।
अभियोजन की कहानी के अनुसार आरोपी सुरेश सोनी पुत्र काशीराम सोनी निवासी ठंडी सडक़ शिवपुरी ने अपनी व्यवसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक लाख रुपए उधार दिनांक 25 सितम्बर 2014 को अभियोगी रविन्द्र सिंह निवासी पुरानी शिवपुरी से प्राप्त किए। उक्त उधार ली गई राशि के भुगतान के ऐवज में आरोपी ने भारतीय स्टेट बैंक शाखा गुरूद्वारा चौक शिवपुरी का चैक क्रमांक 209065 भुगतान हेतु अभियोगी को दिया। अभियोगी द्वारा उक्त भुगतान हेतु दिए गए चैक को अपने खाते में भुगतान हेतु जमा किया तो बैंक द्वारा आरोपी के द्वारा प्रस्तुत चैक अपर्याप्त निधि के कारण वापस हो गया था।
चैक बाउंस होने के बाद आरोपी को फरियादी रविन्द्र सिंह ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से उक्त चैक की राशि के भुगतान के संबंध में रजिस्टर्ड नोटिस भेजा। नोटिस प्राप्त होने के पश्चात भी आरोपी ने फरियादी की उधार ली गई राशि वापस नहीं की, तब फरियादी ने नोटिस की म्याद गुजरने के पश्चात परिवाद पत्र न्याय हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया। आरोपी ने उक्त निर्णय के विरूद्ध माननीय सत्र न्यायालय शिवपुरी में अपील प्रस्तुत की।
अपील माननीय विशेष अपर सत्र न्यायाधीश श्री कमर इकबाल साहब की कोर्ट में विचाराधीन होकर तर्क उपरांत माननीय अपर सत्र महोदय द्वारा आरोपी की अपील निरस्त करते हुए आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया के निर्णय को यथावत रखते हुए आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया गया। उक्त प्रकरण में फरियादी पक्ष की ओर से पैरवी गजेन्द्र सिंह यादव एवं असफाक खान जूनियर अधिवक्ता ने की।
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