
उक्त आशय के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। वारंट जारी होने के बाद विधायिका खटीक और कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष गोयल की मुश्किलें बढ़ गर्ई है तथा पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार मंदसौर में पुलिस गोलीबारी से पांच किसानों की मौत के बाद कांग्रेस ने आठ जून को प्रदेश व्यापी बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान करैरा में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया था। पुतला दहन के समय पुलिस ने आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड का उपयोग किया उसी दौरान विधायक शकुंतला खटीक के कपड़ों पर पानी गिर गया था।
जिससे बिफर कर श्रीमती खटीक ने घटना के लिए जिम्मेदार टीआर्ई तिवारी को मानते हुए अपने समर्थकों को आदेश दिया था कि थाने में आग लगा दो। हालांकि समर्थकों ने ऐसा नहीं किया। उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और यह भी वायरल हुआ था कि विधायक ने टीआर्ई तिवारी के साथ झूमाझटकी की और आरोपी गोयल ने टीआई की गिरफ्तारी न होने पर कत्लेआम की धमकी दी।
इस मामले में दोनों आरोपियों पर पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अनेक संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। मामला दर्ज होने केे बाद अग्रिम जमानत की अर्जी दोनों आरोपियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश करैरा के न्यायालय में दायर की लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
विवेचना अधिकारी भगवान लाल जाटव ने बताया कि एसीजेएम शरद कुमार के न्यायालय में पुलिस की ओर से विधायक शकुंतला व वीनस की गिरफ्तारी के लिए आवेदन दिया था। जिस पर सुनवार्ई करते हुए न्यायालय ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिया है।
गिरफ्तारी न होने पर संपत्ति की जाएगी कुर्क
प्रकरण दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी शकुंतला खटीक और वीनस गोयल फरार बने हुए हैं तथा पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। इसलिए पुलिस ने वैधानिक तरीके से दोनों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी तारतम्य में दोनों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट हांसिल किए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बारंट के बाद भी यदि दोनों फरार बने रहे और गिरफ्तार नहीं हुए तो इसके बाद उनकी संपत्ति कुर्र्की की कार्यवाही की जाएगी।
विधायिका ने लगाया जमानत के लिए हार्ईकोर्ट में आवेदन
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश करैरा के न्यायालय से अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त होने के बाद विधायिका शकुंतला खटीक ने अब उच्च न्यायालय की शरण ली है। उन्होंने हार्ईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ के समक्ष अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी का आवेदन लगाया है। जिस पर हार्ईकोर्ट ने अभी तारीख नहीं दी है।