अनुशासनहीनता के आरोपी DPC ने सारे कर्मचारियों का वेतन अटका दिया

शिवपुरी। डीपीसी कार्यालय के कर्मचारियों का वेतन डीपीसी शिरोमणि दुबे के जाल में उलझ गया है। पिछले दिनों हुए एक छोटे से एक्सीडेंट के बाद डीपीसी बिना सूचना के गायब हो गए थे। अत: कलेक्टर शिवपुरी ने उनका वेतन रोक दिया। इसी झमेले में डीपीसी आॅफिस के सभी कर्मचारियों का वेतन अटका दिया गया। बिना सूचना अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले डीपीसी जब इसी जाल में खुद फंसे तो उन्हे कर्मचारियों के अधिकार याद आ गए। वो लिखा पड़ी कर रहे हैं। उनकी लिखापड़ी के कारण बाकी सारे कर्मचारी परेशान हैं। 

जानकारी के अनुसार 30 मार्च की सुबह शिवपुरी डीपीसी शिरोमणि दुबे के वाहन का ऐक्सीडेंट यूपी के इटावा में हो गया था। वो अपने भजीजे की तेहरवीं में जा रहे थे। बताया जा रहा है कि डीपीसी महोदय ने 30 मार्च का अवकाश नही लिया था। सरकारी कागजों में वह हाईकोर्ट में पेशी कर रहे हैं। जबकि एक्सीडेंट यूपी में हुआ। उन्होंने मुख्यालय छोड़ने की अनुमति भी नहीं ली थी। इस एक्सीडेंट में डीपीसी को मामूली चोट आई थी परंतु वो 11 अप्रैल तक आॅफिस नहीं आए जबकि वो शिवपुरी में अपने निवास पर थे और कर्मचारियों से मेल मुलाकात भी कर रहे थे। इस दौरान ना तो उन्होने कोई अवकाश लिया और न ही किसी अन्य अधिकारी को चार्ज दिया। इसकी शिकायत हुई तो डीपीसी कार्यालय के वेतन की फाईल जिला पंचायत सीईओ नेहा मारव्या ने रोक ली। 

डीपीसी कार्यालय के कर्मचारी वेतन न मिलने से परेशान होकर 1 मई को कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के सामने उपस्थित हुए। कलेक्टर शिवपुरी ने डीपीसी कार्यालय के वेतन की फाईल पर बिना बताए अनुपस्थित रहने और अनुशासनहीनता के चलते इनकी वेतन रोकी जाए और बाकी कर्मचारियों की 2 दिवस के अंदर वेतन जारी करने के ओदश दिए। 

अब यह फाईल डीपीसी कार्यालय पहुंची तो डीपीसी महोदय ने उक्त फाईल पर लिखा पढी करते हुए पुन: कलेक्टर शिवपुरी को भेज दी। कर्मचारियों का कहना है कि अब यह फाईल लगभग 15 दिन बाद लौटकर आऐगी। जब तक हमारा वेतन नही निकलेगा। डीपीसी यह भी कह रहे थे कि मेरा वेतन नही निकलेगा तो मेंं किसी का वेतन नही निकलने दूंगा। 

खबर यह भी आ रही है कि डीपीसी कार्यालय के किसी केस की तारिख ग्वालियर हाईकोर्ट में 8 मई को है। उसका जबाब बनवाने के लिए उन्होने 6 तारिख की मुख्यालय से जाने की अनुमति ली है लेकिन कर्मचारियों के सवालो से बचने के लिए डीपीसी महोदय 5 मई को ही ग्वालियर रवाना हो गए।