विवादित IAS नेहा मारव्या से त्रस्त संविदा महासंघ सौपेंगा ज्ञापन

शिवपुरी। अपने अभ्रद व्यवहार, मंत्री से पंगा लेने जैसे मामलों में सुखियां बटोरने बाली महिला आईएएस नेहा मारव्या के खिलाफ अब संविदा कर्मचारी भी आ गए है। संविदा अधिकारी महासंघ द्वारा कलेक्टर जिला शिवपुरी को स्थानीय समस्याओं को देखते हुए ज्ञापन दिया जायेगा। इस ज्ञापन के मुख्य बिन्दुओं में सीईओ नेहा मारव्या सिंह द्वारा संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के साथ की जा रही अभद्रता, पीएमएवाय योजना में आ रही परेशानियों, स्वच्छ भारत मिशन के सभी ब्लॉक समन्वयकों को भरी बैठक में से बाहर निकालना, अधिकारी कर्मचारियों को उनके पारिवारिक कार्यों हेतु अवकाश स्वीकृत न करना, ग्राम पंचायत के सचिव और ग्राम रोजगार सहायकों के बीच स्पष्ट कार्य विभाजन इत्यादि के स बन्ध में कलेक्टर जिला शिवपुरी को ज्ञापन दिया जा रहा है। 

ज्ञापन कल दोपहर 12 बजे कलेक्टर जिला शिवपुरी को सौंपा जाएगा। इस संबंध संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ द्वारा जिले के समस्त कर्मचारी संगठनों द्वारा समर्थन की अपील की गई है कि वे अपना समर्थन देकर इस ज्ञापन को सफल बनावें। 

जारी प्रेस विज्ञप्ति में संविदा अधिकारी महासंघ द्वारा कहा गया है कि जिला पंचायत एवं जनपद से जुड़े अधिकांश अधिकारी, कर्मचारी सीईओ जिपं नेहा सिंह मारव्या के अभद्र व्यवहार से परेशान हैं। वे आये दिन अधिकारी, कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करती हैं और सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करती हैं जिससे वे काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि मारव्या के इस व्यवहार से उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है अब वे इस संबंध में जिले के संवेदनशील कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर उनसे इस संबंध में चर्चा करना चाहते हैं। 

सुर्खियों बटोरना चाहती है नेहा मारव्या
शिवपुरी में पदस्थापना के साथ से ही सीईओ जिपं नेहा सिंह मारव्या विवादों का पर्याय बनी हुई हैं। 45 दिन के बतौर प्रभारी कलेक्टर कार्यकाल के दौरान उनके साथ पत्रकारों का हुआ विवाद सुर्खियों में रहा और पत्रकारों को धरने तक पर बैठना पड़ा। 

साथ ही शिवपुरी विधायक एवं प्रदेश सरकार की केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के कार्यक्रमों पर रोक लगाने के प्रयास के चलते भी वे चर्चाओं में आईं, लेकिन कार्यक्रमों पर रोक लगाने में सफल नहीं रही थीं, लेकिन हालांकि कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के प्रशिक्षण से लौटने के बाद श्री श्रीवास्तव ने उनके लिए कुछ फैसले पलट दिए थे।

साथ ही वे तब से लगभग हासिए पर ही नजर आ रही हैं। केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे के दौरों से भी वह पूरी तरह दूर हैं और अब अपने ही विभागीय कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार को लेकर वे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। देखना यह है कि मप्र शासन इस हिटलर सीईओ जिपं पर कार्यवाही का चाबुक कब चलाता है?