
बैंक में रहते हुए अथक प्रयासों के बावजूद भी सफलता न मिलते देख गत वर्ष बैंक जैसी सुप्रतिष्ठित सेवा से त्यागपत्र दे दिया और लोक सेवा हेतु प्रयास प्रारंभ किये और जल्दी ही उनके प्रयास रंग लाये और अब वाणिज़्य कर निरीक्षक जैसे प्रतिष्टित पद पर चयनित होकर सभी नगरजनो का मान बढ़ाया। वार्ता में श्री गौरव जैन ने बताया कि उनका शुरू से ही लक्ष्य आई ए एस बनना था किंतु पारिवारिक परिस्थिति के कारण लक्ष्य प्राप्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा एवं बैंक में कार्य करना पड़ा किन्तु अब वह सिर्फ संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से आई ए एस हेतु ही प्रयास करेंगे और वह पूरी तरह अश्वास्त है कि निकट भविष्य में उनका चयन अवश्य होगा।साथ ही उन्होंने यह सफलता अपने दिवंगत पिता श्री अशोक जैन एडवोकेट जी को समर्पित की।
उनके चयन पर समस्त मुहरीवासी,प्रमोद जैन प्राचार्य नन्दीश्वर विद्यालय खनियांधाना,राकेश जी जैन,अनिल जी जैन पत्रकार(मुहारी),ऋषभ जैन, संजीव जैन एडवोकेट,मोहन यादव,अनिल परिहार,साहबसिंह चौहान आदि मित्रों ने शुभकामनायें दी।