
उनका साथ कमला संगीता ने भी दिया। यह जुगल प्रस्तुती लोगों को बहुत पसंद आर्ई और सभी ने तालियां बजाकर उक्त कलाकारों की प्रस्तुतियों को सराहा। श्री पटेरिया ने एक से बढक़र एक बुंदेली फरमार्ईशी लोकगीत गाए। साथ ही कलाकारों ने शिव पार्र्वती के बीच होने वाले संवादों की प्रस्तुतियां भी दी। साथ ही कृष्ण और राधा के पवित्र प्रेम की झलकियां भी झांकियों के माध्यम से दर्र्शकों के समक्ष रखी।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान गणेश की वंदना के साथ देशराज पटेरिया ने की जहां नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह और उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया और सभी कलाकारों का फूल माला से स्वागत किया। इसके पश्चात लोकगीतों की प्रस्तुतियां प्रारंभ हुर्ई जो देर रात तक चलती रहीं।
कार्र्यक्रम में बुंदेली लोकगीत गायक देशराज पटेरिया और कमला संगीता के बीच कर्ई ठिठोली भरे गीतों का मुकाबला हुआ। वहीं युगल आवाज में कर्ई लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी गई। सर्र्वाधिक आकर्र्षण पति-पत्नि के बीच होने बाले संवादों का रहा इसी तरह मनमोहक झांकियों की प्रस्तुतियों ने भी दर्र्शकों को बांधे रखा।