आज से लगेगा मां बलारी का मेला,उमडेगी भक्तों की भीड़

शिवपुरी। शिवपुरी से लगभग 38 कि.मी. दूर भयावन जंगल में स्थित माँ बलारी का मेला आज से प्रारंभ हो गया है। जहां दर्र्शनों के लिए बड़ी संख्या में देवी भक्त पहुंच रहे हैं। तीन दिन चलने वाला यह मेला तीन अप्रैल को नेजे चढऩे के साथ ही संपन्न हो जाएगा।

ग्रामीण परिवेश में लगाए जाने वाले इस मेले में दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें सजा ली हैं वहीं झूले और मनोरंजन के अन्य साधन वहां पहुंच गए हैं। मेला प्रारंभ होने के साथ ही भण्डारे का आयोजन शुरू हो गए हैं। भक्तों द्वारा माता के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसलिए रास्ते भर में खानपान की वस्तुओं का नि:शुल्क वितरण किया जाता है। 

वहीं शीतल पेयजल की व्यवस्था भी कर्ई संस्थाओं और ग्रामीणों द्वारा की जाती है। आज से प्रारंभ हुए मेले में भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है। तीन दिनों में लाखों की संख्या में भक्त माँ के दर्र्शनों के लिए वहां पहुंचते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में पुलिस बल भी तैैनात हो गया है। कल शिवपुरी से एक विशाल चुनरी यात्रा निकाली जाएगी। जिसकी तैैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। 

आज से बलारपुर माता मंदिर जाने के लिए वाहन सेवा भी शुरू हो गर्ई है। कर्ई भक्तों द्वारा श्रद्धालुओं को माँ के दर्र्शन कराने के लिए नि:शुल्क वाहन सेवा भी उपलब्ध करार्ई जाती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कर्ई साधन शुरू हो गए। कल 2 अप्रैल से 3 अप्रैल तक 24 घंटे मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में भीड़ मेले में उमड़ पड़ती हैै। 

अष्टमी को माँ राजेश्वरी दरबार व नवमीं को कालीमाता मंदिर पर लगेगा मेला
चैैत्र नवरात्रा प्रारंभ होते ही मंदिरों पर भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो गर्ई है और उपवास का दौर भी जारी है। सुबह और रात्रि में भक्त बड़ी संख्या में माँ के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं वहीं मेले लगने का दौर भी शुरू हो गया है। आज से बलारपुर पर मेला भी प्रारंभ हो गया है। जो सप्तमी तक चलेगा। 

उसके पश्चात अष्टमी को माँ राजराजेश्वरी दरबार में मेला लगाया जाएगा। जिसकी व्यवस्था शुरू कर दी गर्ई है। वहीं नवमीं को काली माता मंदिर पर मेला आयोजित किया जाएगा। यह सभी मेले ग्रामीण परिवेश पर आधारित रहते हैं जहां बड़ी संख्या में गांव-गांव से लोग माँ दर्र्शनों के लिए आते हैं। इस दौरान मनोरंजन के कई साधन उपस्थित रहते हैं वहीं दुकानें भी सजाई जाती है। जहां दूर-दूर से आने वाले भक्त खरीद दारी करते हैं।