
अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुये जलिंयावाला बाग हत्याकांड ने भगतसिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। कॉलेज की पढाई छोडकर भगतसिंह ने भारत की आजादी के लिये नौजवान ए भारत सभा की स्थापना की थी।
23 मार्च 1931 को उनके 2 अन्य साथियों राजगुरू तथा सुखदेव के साथ फॉंसी पर लटका दिया। आजादी दिलाने के लिये स्वतंत्रता संगा्रम सेनानियों के साथ उनका बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। जिला कांग्रेस प्रवक्ता हरवीर सिंह रघुवंशी ने बताया कि 23 मार्च को जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर देश के महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये उनकी प्रतिमा चित्रों पर माल्यार्पण किया जायेगा।