मर्यादा अभियान: सिर्फ कागजो में बन रहे है शौचालय, धरातल पर से गायब

कोलारस। केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार शौचालय से लेकर गंदगी मुक्त करने के लिए लोगो को जगरूक करने के लिए लाखों रूपए प्रचार प्रसार के माध्यम से खत्म कर चुकी हैं वहीं शौैचालय बनबाने के लिए ग्रामीणों को शासन द्वारा राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन धरातल पर पंचायतों में हालात जस के तस बने हुए हैं। 

क्योंकि ग्राम के पंचायत सचिव एवं सहायक सचिवों के माध्यम से कागजी खाना पूर्ति करके पंचायतों में सैकड़ों शौचालयों का निर्माण करा दिया गया लेकिन धरातल पर कुछ और ही है। 

इसी का एक जीता जागता उदाहरण कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गत आने बाली करीबन 1 दर्जन ग्राम पंचायतो में न तो शौचालय धरातल पर दिखाई दे रहे है। और तो और ग्रामीण अचंलो में गंदगी के अ बार लगे हुए हैं। कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गत आने बाली ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यो से लेकर अनेक जनकल्याण कारी योजनाओ में जम कर मनमानी दिखाई दे रही है। 

कोलारस जनपद पंचायत आने बाली ग्राम पंचायत कु हरौआ, रिजौदा, सिंघराई, मोहराई, राजगढ़, ाडौता सेसई सडक, पाडोंदा, अटामानपुर, रूहानी, नेतवास, डेहरवारा,देहरदा सडक़, चंदौरिया से लेकर अनेक ग्राम पंचायतो में निर्माण कार्यो के नाम पर सरपंच सचिवो ने ा्रष्टïाचार करने का ोल ाुलेआम ोला है। 

ग्राम पंचायत डेहरवारा, राजगढ, ारई में पूर्व सरपंच से लेकर सचिवों ने शौचालय कागजों में बना कर हिग्राही को मिलने बाला पैसा तक हजम कर लिया है। बीते रोज ग्राम पंचायत राजगढ़ के एक परिहार समाज के युवक ने जब शौचालय नहीं बनने की शिकायत 181 पर दर्ज कराई तो पूर्व में रहे सरपंच द्वारा उस को बुलाकर 12 हजार रूपये देने की बात कही गई और कहा कि तुम शिकायत वापिस ले लेना। 

ऐसे ही मामले अनेक ग्राम पंचायतों में दि ााई दे रहे है। जिसके चलते सरकार का ग्रामों को शौचालय मुक्त करने का सपना साकार होता हुआ दि ााई नही दे रहा है। 

क्योंकि जब मर्यादा अ िायान के अंतर्गत पहले कागजी कार्यवाही कर फर्जी तरीके से शौचालय बना दिये गये है। तो फिर दोवारा से शौचालय कैसे बन पाएगा। इसी तरह करीबन एक दर्जन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यो में घटिया मटेरियल का प्रयोग हुआ है। जिसके चलते जहां जहां निर्माण कार्य हुये है। तो कहीं टूट रहे है।