SP की बड़ी कार्रवाई: टोल नाके पर चल रहे गुण्डाराज को किया धराशायी

शिवपुरी। जिले में खरई पड़ोरा पर स्थित एकीकृत सीमा जाँच चौकी पर ल बे समय से चले आ रहे अंतर्राज्जीय गुण्डाराज को नेस्तनाबूद करने की दिशा में एसपी सुनील पाण्डे ने कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। खरई में एकीकृत जाँच चौकी को पिछले कई सालों से गुण्डा तत्वों ने अघोषित रूप से कब्जा रखा था और व्यवस्था को अपने हाथों में ले रखा था। यहाँ न केवल राजस्व को हानि पहुंच रही थी बल्कि बैरियर पर लूटपाट का माहौल निर्मित कर रखा था। 

इस पूरे गोरखधंधे की सूचना एसपी को पिछले दिनों सूत्रों से मिली तो उन्होंने एसडीओपी सुजीत भदौरिया को इस पर कार्यवाही के निर्देश दिए। इसी क्रम में एसडीओपी ने इस क्षेत्र में एक गुपचुप तरीके से ऑपरेशन चलाया और यहां आमद दर्ज कराई तो बैरियर कब्जाए माफियाओं में भगदड़ मच गई।

विगत एक सप्ताह से पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर अपनी पैनी नजर बनाए रखी है जिससे काफी हद तक यहाँ अब व्यवस्थायें सुदृढ़ दिख रही हैं। इस पूरे खेल में स्थानीय गुण्डों के एक कॉकस की भूमिका भी निकलकर सामने आई है।

विदित हो कि इस एकीकृत जाँच चौकी से होकर अंतर्राज्जीय वाहन गुजरते हैं, यह मार्ग राजस्थान को जाता है। इस पर से गुजरने वाले वाहनों की चैकिंग फॉरेस्ट, परिवहन, मण्डी और वाणिज्यकर विभाग के द्वारा की जाती है। लोड चैकिंग भी यहीं होती है मगर इन वाहनों से सुविधा शुल्क लेकर वाहनों को एकीकृत सीमा जाँच चौकी पर केन्द्रीय मार्ग से निकाला जाकर इस तमाम जाँच से परे कर दिया जाता है। 

सूत्रों की मानें तो इस सेन्ट्रल मार्ग से निकासी के एवज में ओवरलोड ट्रक, ट्रॉला से 20 से 25 हजार रुपए प्रति वाहन वसूले जाते हैं। इस कारोबार को राजस्थान और म.प्र. के माफिया तत्वों से मिलकर शिवपुरी के कुछ स्थानीय गुण्डे संचालित करा रहे थे। 

ठीक बिहार की तर्ज पर सांझ ढलते ही यहाँ समानान्तर व्यवस्था स्थापित कर ली जाती थी, जो अधिकृत अमला है उसे साइड कर गुण्डा तत्व अपने गुर्गों के मार्फत नाके के केन्द्रीय मार्ग कब्जा लेते थे फिर होता था वसूली का दौर शुरू। इस स बन्ध में एकीकृत सीमा जाँच चौकी खरई पड़ोरा के प्रबंधक ने भी अपने स्तर पर कई मर्तबा शिकायत की मगर न तो स बन्धित थाना पुलिस ने कोई सहयोग दिया और न ही प्रशासन से कोई सहयोग मिला बल्कि एक गुर्गे से माफियाओं ने मारपीट की झूठी शिकायत तक प्रबंधक के खिलाफ कराकर उसे भयाक्रांत कर डाला। 

अधिकृत अमले को दहशत में रखकर ये गुण्डा तत्व ओवर लोड वाहनों को जाँच चौकी बूथ पर आने से रोकते थे और जबरन केन्द्रीय मार्ग से इनका आवागमन कराने पर उतारू रहते थे, यह कारोबार ल बे समय से जारी था, वाहनों की न बर प्लेटों पर गोबर मिट्टी लगाकर वाहनों को निकाल दिया जाता था। गुण्डा तत्वों के इस गोरखधंधे से प्रतिदिन शासन को लाखों की राजस्व हानि पहुंच रही थी। 

पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डेय इस पूरे मामले से अवगत हुए और उन्होंने एक गुप्त मिशन के तहत कोलारस एसडीओपी सुजीत भदौरिया के मार्फत यहाँ कार्यवाही कराने की योजना बनाई तो यह नेक्सस फिलहाल तितर बितर की स्थिति में आ गया है। इस पूरे मामले में तेंदुआ थाना द्वारा जाँच चौकी खरई पड़ोरा के अमले को संरक्षण प्रदान न किया जाना भी अपने आप में जाँच की जद में आ गया है।

यह बता दें कि इस गोरखधंधे में आरटीओ, वाणिज्यकर, मण्डी और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी जाँच के घेेरे में है जो इस नेक्सस से मिलकर राजस्व की चपत लगा रहे थे। पुलिस अब इस गेम के मास्टर माइण्ड को टटोल रही है। 

माफियाओं ने ट्राफिक कराया डायवर्ट
पुलिस की दबिश के चलते एकीकृत सीमा जाँच चौकी कोटा नाका पर व्यवसायिक वाहनों का केन्द्रीय मार्ग से आवागमन प्रभावित हुआ तो अब माफियाओं ने वैकल्पिक रास्ता खोज निकाला है जिसके तहत कार्या दीगौधी मार्ग से यह ट्रॉफिक डायवर्ट किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यदि पुलिस इस मार्ग पर निगरानी कर कार्यवाही करे तो माफियाओं की कमर पूरी तरह टूट सकती है।