
अपनी शिकायत में सरपंच रघुवंशी ने लिखा है कि वार्डन श्रीमती आशा रघुवंशी ने अपनी पुत्री कु. आंशु रघुवंशी को रिमेडियल टीचर के पद दिनांक 15.6.2011 से दिनांक 4.11.2014 तक नियुक्ति प्रदान की जबकि उक्त अवधि में कु. रघुवंशी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना में नियमित छात्रा के रूप में बीएससी में अध्ययनरत थी।
परीक्षा में बैठने के लिए कु. आंशु की 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है। जिसकी जानकारी प्राचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना ने अपने पत्र द्वारा की है। ऐसे में सवाल है कि एक ही समय में वार्डन की पुत्री कैसे नौकरी और अपना अध्ययन जारी रख सकती है।