
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन यह सिद्ध करने में असफल रहा है कि अभियुक्त लुकमान खान ने सहायक यंत्री आदित्य कुमार जो कि लोकसेवक हैं उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोक कर उन पर हमला या बल का प्रयोग किया तथा न ही अभियुक्त ने कोई ऐसा उतावलापन एवं उपेक्षापूर्ण कार्य किया जो मानव जीवन को संकट में पहुंचा सकता था।
अभियोजन अभियुक्त के विरूद्ध आरोप युक्तियुक्त संदेह के परे प्रमाणित करने में असफल रहा है। न्यायालय ने इस निष्कर्ष के साथ अभियुक्त लुकमान को भादवि की धारा 353 और 336 के आरोप से दोषमुक्त कर दिया है।
यह FIR दर्ज कराई थी बिजली कंपनी ने
अभियोजन की कहानी के अनुसार फरियादी आदित्य कुमार सहायक यंत्री विद्युत मंडल शिवपुरी ने फिजीकल चौकी में पहुंचकर इस आशय की रिपोर्ट प्रस्तुत की कि दिनांक 15 जनवरी 15 को जब वह चीलौद के कुम्हार मोहल्ला में कनिष्ठ यंत्री राकेश, राहुल तिवारी और मनोज दुबे सहित लाइन स्टाफ अनवर खान, पुरुषोत्तम, रामभरोसी कुशवाह व दीपक वर्मा, संतोष धाकड़ के साथ अवैध कनेक्शनों की चैकिंग कर रहे थे। इसी दौरान चीलौद में अवैध बिजली के तार खंबे पर डालकर लुकमान खान बिजली का अवैध उपयोग करते पाया गया। जब कर्मचारियों ने उक्त तार खंबे से हटाया तो लुकमान ने पत्थर हाथ में लेकर उनकी तरफ फेंका जिससे वह बाल-बाल बच गए तथा अवैध तार नहीं हटाने दिए। इस तरह से अभियुक्त ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई। इस मामले में अभियुक्त लुकमान के विरूद्ध भादवि की धारा 353 और 336 के तहत मामला दर्ज किया गया था।