
खबर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह घटना स्थल का मुआयाना करने गए तो जांच के दौरान उन्हें सोने और चांदी के सिक्कों पर अंकित उर्दू की इबारत और चित्र मिले। खबर में यह तक कहा गया है कि उक्त खजाना शहंशाह अहमद के 14 वीं शताब्दी के शासन का है।
इस खबर की सच्चाई यह है कि ऐसी खबर बीते जुलाई माह की थी और शिवपुरी सामाचार डॉट कॉम ने प्रकाशित की थी। जब रन्नौद थाना प्रभारी केपी शर्मा थे। वास्तविक खबर में खुदाई के दौरान कुछ चांदी के सिक्के मिले थे। इस खबर के साथ छेड़छाड़ करते हुए व्हाटसऐप आज पोस्ट कर दी गई थी।
इस खबर के खोज के लिए शिवपुरी की मीडिय़ा सक्रिय हुई तब जाकर इसकी सच्चाई सामने आई की उक्त खबर बीते जुलाई माह की थी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डे ने बताया कि खबर पिछले जुलाई माह की है। जिसे किसी ने सोशल साईड पर पोस्ट कर दिया है।
यह पूरी तरह से भ्रामक है। वही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य ने उक्त समाचार को भ्रामक बताते हुए पोस्ट डालने वाले के खिलाफ कार्रवार्ई की बात की है।